पीलीभीत: मधुमक्खियों के हमले में घायल हुए युवक की एक निजी अस्पताल में एक-एक दो इंजेक्शन लगने के बाद हालत बिगड़ी और कुछ ही देर में मौत हो गई। परिवार वालों ने गलत इलाज से मौत का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। एक रिश्तेदार को बंधक बनाने और झगड़ा कर धमकाने के भी आरोप लगाए हैं।पुलिस शव पोस्टमार्टम को भेज पड़ताल कर रही है।
बिलसंडा थाना क्षेत्र के ग्राम चरखोला के निवासी 40 वर्षीय राजाराम पुत्र रामभरोसे खेती करते थे। शनिवार शाम को वह अपने रिश्तेदार रमेश के साथ बाइक पर सवार होकर खरीदारी करने के लिए बिलसंडा बाजार गए थे।वापस आते वक्त गांव से आधा किलोमीटर पहले नहर के पास पहुंचते ही मधुमक्खियों के झुंड ने दोनों पर हमला कर दिया। चीख पुकार सुनकर अन्य ग्रामीण भी आ गए। जिसके बाद कूड़ा करकट जलाकर धुआं करते दोनों को बचाया। मधुमक्खियों के काटने के बाद दोनों बिलसंडा के एक निजी क्लीनिक पर गए। वहां पर राजाराम को चेकअप कर डॉकटर ने इंजेक्शन लगाया। आरोप है कि इंजेक्शन लगने के बाद कुछ ही मिनट में उनकी हालत बिगड़ती लगी। पेट में तेज दर्द उठने लगा। परिवार वाले यह देख घबरा गए।
इसी बीच डॉक्टर ने दूसरा इंजेक्शन भी लगा दिया। जिसमें हालत और बिगड़ने लगी। आरोप है कि राजाराम की वहीं पर मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टर ने खुद को बचाने के लिए जिंदा बताकर रेफर कर दिया। सीएचसी लेकर गए वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृतक के भाई सतीश ने बताया कि डॉक्टर ने महज तीन -चार सौ रुपये की खातिर उनके एक अन्य भाई छोटे को पकड़कर कमरे में ही बंधक बना लिया और पहले पेमेंट करने का दबाव बनाता रहा। उधर, मृत घोषित किए जाने पर जब परिवार वाले दोबारा पहुंचे और सवाल जवाब किया तो डॉक्टर व उसका स्टाफ झगड़ा फसाद पर आमदा हो गया। धमकी देकर भगा दिया।