नई दिल्ली। भारत अपने अनुसंधान स्टेशन हिमाद्रि में पूरे वर्ष उपस्थिति बनाए रखने के प्रयासों के तहत आर्कटिक क्षेत्र में अपना पहला शीतकालीन विज्ञान अभियान मंगलवार को शुरू करेगा। हिमाद्रि भारत का पहला स्थायी आर्कटिक अनुसंधान स्टेशन है।
यह नार्वे के स्वालबार्ड में स्थित है। आर्कटिक क्षेत्र के लिए चार विज्ञानियों वाले पहले शीतकालीन अभियान को पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू हरी झंडी दिखाएंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आर्कटिक के लिए यह पहला शीतकालीन अभियान है। विज्ञानियों की टीम 30 से 45 दिनों तक न्यालेसुंड के अनुसंधान केंद्र में रहेगी। उसके बाद उनकी जगह दूसरी टीम लेगी।
भारत की अब आर्कटिक क्षेत्र में अनुसंधान स्टेशन पर साल भर मौजूदगी रहेगी, जैसा कि दक्षिणी ध्रुव के पास अंटार्कटिक में है। भारत ने आर्कटिक जलवायु और भारतीय मानसून के बीच संबंधों का अध्ययन करने के उद्देश्य से 2007 में अपना आर्कटिक अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किया था। सरकार ने पिछले साल आर्कटिक नीति के तहत इस क्षेत्र में अधिक अनुसंधान स्टेशन और सैटेलाइट ग्राउंड स्टेशन बनाने की योजना साझा की थी।
शेख हसन खान ने की अंटार्कटिका में माउंट विंसन के शिखर पर फहराया तिरंगा
केरल के शेख हसन खान ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन के शिखर पर तिरंगा फहराकर कीर्तिमान स्थापित किया है। अंटार्कटिका के शिविर से हसन ने कहा कि 12 दिसंबर को रात 8.40 बजे (स्थानीय समय) शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने भारतीय ध्वज फहराया।
उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य अंटार्कटिका में हो रहे जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह पांचवीं सबसे ऊंची चोटी है जिसे 36 वर्षीय शेख हसन ने फतह किया है। केरल सरकार के कर्मचारी शेख हसन इससे पहले चार अन्य ऊंची चोटियों – माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट डेनाली (उत्तरी अमेरिका), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), और माउंट एल्ब्रस (यूरोप) पर चढ़ाई कर चुके हैं। अगले कुछ दिनों में वह चिली और फिर अर्जेंटीना की यात्रा करेंगे जहां वह माउंट एकांकागुआ पर चढ़ाई करेंगे, जो हिमालय के बाहर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी भी है।