तिरुवनंतपुरम। केरल में छह साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या का मामला गर्माता ही जा रहा है। वंदीपेरियार में इस घटना को लेकर बीजेपी की महिला मोर्चा के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
हालांकि, केरल पुलिस ने मामले को लेकर प्रदर्शन कर रही बीजेपी महिला विंग की कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। महिला विंग की सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने में मदद की है।
इडुक्की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया था फैसला
दरअसल, इडुक्की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने छह साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी 24 वर्षीय अर्जुन को बरी कर दिया है।
आरोपी के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई पुलिस
जज वी. मंजू ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप साबित नहीं कर पाया है। आरोप पत्र दाखिल होने के दो साल बाद यह फैसला सुनाया गया है। हालांकि, केरल पुलिस ने विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।
क्या है मामला?
बता दें कि ये मामला साल 2021 का है। छह साल की एक बच्ची अपने घर में फांसी के फंदे से लटकी हुई मिली थी। वह अपने माता-पिता के साथ इडुक्की जिले में एक झोपड़ी में रह रही थी। इस मामले में पुलिस ने बाद में आरोपी अर्जुन को पॉक्सो, दुष्कर्म और हत्या के आरोप के तहत गिरफ्तार किया था।
पीड़ित परिवार ने फैसले पर उठाए सवाल
वहीं, दो साल बाद आए फैसले से परिवार संतुष्ट नहीं है। पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। इस बीच विपक्षी नेता वीडी सतीसन ने भी आरोप लगाया कि फैसले ने केरल की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम से पता चला है कि हत्या से पहले पीड़ित को प्रताड़ित किया गया था।