बाराबंकी। यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए नगर पालिका में रविवार को मेडिकल कैम्प लगाया गया है। कैम्प का उद्घाटन जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार द्वारा प्रातः 10 बजे किया जाएगा। इस कैम्प में बाराबंकी, लखनऊ, प्रतापगढ़ के प्रसिद्ध हकीम सिद्दीक अहमद खान यूनानी चिकित्सा सुविधाओं से रोगियों का इलाज करेगे। इस संबंध में शनिवार को नगर के एक रेस्त्रां में आयोजित पत्रकार वार्ता में उपस्थित मेडिकल कैम्प के संयोजक डॉ. एम.एस. सिद्दीकी ने बताया कि यूनानी चिकित्सा पद्धति विश्व की सबसे पुरानी पद्धतियों में एक है, जिसकी शुरुआत हकीम बुकरात (हिप्पोक्रेट-फादर ऑफ मेडिसिन) ने की थी, जो काफी समय से इस्तेमाल की जाती रही है तथा केंद्र सरकार ने भारतीय चिकित्सा पद्धतिं की मान्यता दी है। डॉ. सिद्दीकी ने कहा कि विकास को चाहिए नया नजरिया तो स्वास्थ्य को भी नया नजरिया चाहिए। यूनानी चिकित्सा पद्धति से शरीर पर कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह दौड़-भाग की जिंदगी से उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सस्ती, सुलभ चिकित्सा पद्धति है। डॉ. सिद्दीकी ने बताया कि इस पद्धति में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए गांव और कस्बों में शुगर की पाठशाला लगाएंगे।
इस पाठशाला में 15 मिनट के फ्री सत्र चलाया जाएगा। साथी ही सोशल वर्किंग का भी काम किया जाएगा। मेरा मानना है कि देश की तरक्की तभी संभव है जब भारत स्वस्थ रहेगा। वरिष्ठ यूनानी चिकित्सक डॉ. ए.एच. उस्मानी ने बताया कि इस कैम्प में आए हुए सभी मरीजों का आगे भी इलाज होता रहेगा। वह क्लीनिक पर इलाज संबंधी सुविधाएं प्राप्त कर सकते है। इस कैम्प में 50 मरीजों को पंजीकरण किया गया है। जिनका हिजामा स्टीम थेरेपी से इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पद्धति में लीच थेरेपी, दलक, मसाज, नुतूल, सिकाई व यूनानी दवाओं से इलाज किया जाता है। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को चिकित्सा पद्धति का लाभ मिले। इस मौके पर प्रमुख रूप से डॉ आलम नूर, डॉ. सलमान युनूस, डॉ जेड. आर. अंसारी, डॉ. चौधरी जावेद अहमद आदि मौजूद रहे।