आज राष्ट्रपति भवन पहुंचे ओमान के सुल्तान, किया गया भव्य स्वागत…

नई दिल्ली। अरब दुनिया के सबसे पुराने स्वतंत्र राज्य ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अपनी पहली राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे हैं। आज सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

सुल्तान हैथम बिन तारिक भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे। यहां उनका स्वागत केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने किया। यह यात्रा भारत और ओमान के बीच की मित्रता और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।

विदेश मंत्री जयशंकर से की थी मुलाकात
सुल्तान ने यात्रा के पहले दिन विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों देशों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा था कि विदेश मंत्रालय भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने में सुल्तान के मार्गदर्शन को महत्व देता है। राजकीय यात्रा की शुरुआत में ओमान के महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक से मुलाकात सम्मान की बात है।

दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने का प्रयास
बता दें कि इसी साल विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ओमान दौरे पर गए थे। 18-19 अक्तूबर के उनके दौरे के बाद सुल्तान भारत दौरे पर पहुंचे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उनके भारत पहुंचने पर कहा, उनके इस दौरे से भारत और ओमान के संबंधों को और मजबूती मिलेगी। दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग और दोस्ती को प्रगाढ़ करने में भी यह दौरा बेहद कारगर साबित होगा। बता दें कि ओमान ने 150 से अधिक कार्य समूह बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया। जी20 देशों की मंत्रिस्तरीय बैठकों में ओमान के नौ मंत्रियों ने भाग लिया था।

पुराने हैं भारत और ओमान के रिश्ते
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ओमान के राष्ट्राध्यक्ष के साथ वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर पहुंचा है। भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित दीर्घकालिक मित्रता है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुए थे और 2008 में इस रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाया गया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने खाड़ी देश का दौरा किया था। साल 2018 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा।

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