रामनगर-बाराबंकी। महादेवा महोत्सव में बृहस्पतिवार की शाम एक ऐसी घटना हुई जिसने सांस्कृतिक मंच को शर्मशार कर दिया। यहां जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी और मैथिली ठाकुर द्वारा कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व किए गए दीप प्रज्वलन के समय मौजूद लोग सांस्कृतिक मंच पर जूते पहने हुए नजर आए। बता दें कि महादेवा महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर बृहस्पतिवार की शाम मैथिली ठाकुर द्वारा सुनाए गए सोहर व भजनों पर दर्शक खूब झूमे। जहां कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा,पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत पूर्व विधायक शरद अवस्थी,जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह, एडीएम अरुण कुमार सिंह के साथ मौजूद लोग जूता पहनकर ही सांस्कृतिक मंच पर दीप प्रज्ज्वलन करते समय बगल में खड़े तालियां बजाते रहे। उन्हें शायद यह भी एहसास नहीं की यह वही मंच है जिस पर महान विभूतियों ने अपनी प्रस्तुतियां दी है। जानकारी के मुताबिक जूता पहने हुआ व्यक्ति नवाबगंज तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात है। जिन पर कार्यक्रम के सफल आयोजन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। अभी दो दिन पूर्व कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा की गई बड़ी भूल को स्थानीय कवियों ने अपनी कविता में भी प्रस्तुति किया था। अब लोगो का कहना है कि सांस्कृतिक मंच और मंदिर एक समान माना जाता है। लेकिन सांस्कृतिक मंच पर जूता पहन कर दीप प्रज्वलित करते समय जाना अशोभनीय है।