मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उनमें से ही प्रदेश में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग पर बैन लगाने का आदेश दिया गया है, वहीं फूड सेफ्टी नियम लागू होने के बाद खुले में मांस-मछली की बिक्री पर भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उनका कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है। सीएम के आदेश पर अमल शुरू हो गया है। आदेश के अगले दिन ही कई जगहाें पर कार्रवाई देखने को मिली है। आज हम यहां पर उज्जैन, ग्वालियर और रीवा में क्या हुआ उसके बारे में बात करेंगे।
मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव के आदेश के बाद उज्जैन में गुरुवार से नगर निगमने अवैध मीट की दुकानों पर कारवाई शुरू कर दी। इस मुहिम के चलते प्रशासन ने कई दुकानों से मुर्गी और पिंजरे जप्त कर लिए। वहीं पुलिस ने लाउडस्पीकर की आवाज पर अंकुश लगाने के लिए धर्म स्थलों के संचालक की बैठक ली। सीएम मोहन यादव के आदेश के चलते गुरुवार सुबह से दोपहर तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अनाउंस करवाया और फिर तीन बजे नागझिरी में अवैध रूप से संचालित दुकानों और सड़क किनारे की गुमटियों में रखे पिंजरे और उनमे बंद मुर्गियों को जब्त कर लिया। बता दें कि इंदौर रोड पर मॉडल स्कूल क्षेत्र, बेगम बाग़, तोपखाना, घास मंडी सहित कई इलाकों में मीट खुले रूप से बेचा जाता है. निगम टीम ने आज यहां अनाउंसमेंट किया है और जल्द ही यहां पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
वहीं धार्मिक स्थल और अन्य स्थानों पर लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र के संबंध मे जारी आदेश को लेकर पुलिस अधिकारी ने धर्म स्थल के प्रमुखों की बैठक लेते हुए। उन्हें नियमों का हवाला देकर ध्वनि यंत्रों पर संवाद और समन्वय के आधार पर कारवाई के प्रयास शुरू किया. हालांकि प्रशासन ने बुधवार रात से ही कुछ धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारना शुरू कर दिए थे।
ग्वालियर। प्रशासन हुआ सक्रिय, कमिश्नर ने बताई रणनीति
ग्वालियर में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा दिए गए पहले आदेश के अमल में पूरा प्रशासनिक अमला जुट गया है। इस आदेश में धार्मिक स्थलों के लाउड स्पीकरों और शादी-समारोहों में बजने वाले डीजे की नुकसानदेह तेज आवाजों और खुले में मांस-मछली की बिक्री रोकने के लिए कड़ाई करने की बात कही गई है। इस आदेश को लेकर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मगुरुओं का मानना है कि सबसे बातचीत करके यह नेक कदम उठाना चाहिए, हालांकि ठेलों पर बिकने वाले सामान के प्रतिबंध को लेकर उनकी अलग राय है, उनका कहना है कि इससे गरीबों का रोजगार छिनेगा, इसलिए इस पर फिर से विचार करना चाहिए।
इस आदेश के बाद प्रशासन भी कार्यवाही की रणनीति बनाने में जुट गया है। संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी जिला कलेक्टर और एसपी के साथ मीटिंग की है। आयुक्त सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि सीएम द्वारा दिये गए निर्देश के तहत हमें गृह विभाग की तरफ से आदेश मिला है कि धार्मिक स्थलों पर उपयोग होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों और शादी समारोह में तेज ध्वनि में बजने वाले डीजे आदि को लेकर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के निर्देश और कोलाहल अधिनियम के प्रावधानों के कड़ाई से पालन किया जाए। इसके लिए हमने ग्वालियर-चंबल के आईजी के साथ सभी कलेक्टर्स, एसपी के साथ बैठक की है, इसमें इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
आयुक्त ने बताया कि मांस मछली खुले में बेचने को लेकर पहले से ही प्रावधान है इनका कड़ाई से पालन कराने के लिए नगर निगम आयुक्त और जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि सभी जोन स्तर पर दल बनाये जाएं और इसके लिए तय मानकों का पालन सुनिश्चत किया जाए। साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि ऐसा कारोबार करने वाले लोगों के साथ बैठकें करके यह सुनिश्चत किया जाए कि वे आवश्यक अनुमति लेकर और स्वच्छता और विक्रय की तय गाइडलाइन के पालन के साथ ही मांस या मछली का अपना व्यवसाय करें और यह भी ख्याल रखें कि खुले में ऐसा विक्रय न करें।
रीवा। फैसले का दिखा असर, मांस-मछली की दुकान के गिरने लगे शटर
प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के फैसले का असर रीवा में दिखने लगा। यहां सड़क के किनारे मीट-मछली की दुकान के शटर गिरने लगे हैं। संभागीय मुख्यालय रीवा से लगभग 40 किलोमीटर दूर सिरमौर में नगर परिषद के कर्मचारी गुरुवार शाम सड़कों पर निकले और उन्होंने मीट-मछलियों की दुकान के शटर गिरवा दिए। यह कार्रवाई उन दुकानों पर की गई जो खुलेआम सड़क के किनारे मीट-मछली काट रहे थे। माना जा रहा है कि दो-तीन दिन के अंदर इस फैसले का व्यापक असर देखने में आएगा। जहां कुछ दुकानदार मानसिक रूप से अपनी दुकान बंद करने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं वहीं कुछ दुकानदार दबी जवान से विरोध करते भी नजर आए।