मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में भाजपा उम्मीदों के उलट 230 सीटों वाली विधानसभा में 166 सीटों पर कब्जा जमा कर दोबारा सत्ता हासिल करने में सफल रही. वहीं, सत्ता में आने का ख्वाब देख रही राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस मात्र 63 सीटों पर सिमट कर रह गई है. भाजपा की ये बंपर जीत विपक्ष को हजम नहीं हो पा रही है. मतगणना से पहले तक मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मुकाबले में बताया जा रहा था. लेकिन, नतीजे बिल्कुल ही इसके उलट आए. ऐसे में एक बार फिर से ईवीएम पर संदेह जताया जाने लगा है.
एनपी और समाजावादी पार्टी के नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप
इसी कड़ी में रीवा में राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश मिश्रा और समाजवादी पार्टी के सिरमौर के प्रत्याशी व पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता की. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरेआम लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. पहले छोटे-छोटे दलों को खत्म किया जा रहा है. बाद में बड़े दलों का नंबर आएगा. अगर सब मिलकर नहीं लड़ेंगे तो भारतीय जनता पार्टी को खत्म करना असंभव हो जाएगा.
ईवीएम के रहते भाजपा को हराना नामुमकिन
भाजपा पर ईवीएम के साथ खेला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से हालिया विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है. अगर आगे आने वाले चुनाव भी ई.वी.एम से होंगे, तो भारतीय जनता पार्टी का आना पूरी तरीके से तय है. अगर ई.वी.एम से चुनाव नहीं होगा तो भारतीय जनता पार्टी का पूरी तरीके से जाना तय है. न्होंने आगे कहा कि चुनाव जीतने के बाद भाजपाई कहेंगे हम चुनाव राम मंदिर की वजह से जीते हैं.
मिलकर लोकसभा चुनाव के पहले ईवीएम का करना पड़ेगा विरोध
मध्य प्रदेश चुनाव में अपनी पार्टी की हार से दुखी राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष इंजीनियर अविनाश मिश्रा और पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि तमाम राजनीतिक दलों को मिलकर लोकसभा चुनाव के पहले ई.वी.एम. का विरोध करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि तर्क दिया कि अभी हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सिरमौर में भारतीय जनता पार्टी के दिव्यराज सिंह ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है.
हार की वजह ईवीएम
यहां पर दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी रही और कांग्रेस तीसरे नंबर पर पहुंच गई, जबकि कांग्रेस ने एक सामान्य सीट से एक आदिवासी को मैदान में उतारा था, रिजल्ट आने के पहले तक तमाम समीक्षक कड़े मुकाबले की बात कह रहे थे. लेकिन परिणाम आने के बाद मुकाबला एकतरफा रहा. आपको बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी ईवीएम पर सवाल उठा चुके हैं.