मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड को टॉफ टाइगर्स वाइल्डलाइफ टूरिज्म अवार्ड्स में “सर्वश्रेष्ठ सतत वन्यजीव पर्यटन राज्य” के लिए सैंक्चुअरी एशिया अवॉर्ड से नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है. मध्यप्रदेश को भारतीय उपमहाद्वीप में प्रकृति, पर्यटन, उद्योग, सतत प्रथाओं और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया है.
टाइगर्स को देखने के लिए आते हैं पर्यटक
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने इस सम्मान पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश देश का टाइगर स्टेट है और पूरी दुनिया से टाइगर्स को देखने के लिए पर्यटक यहां के राष्ट्रीय उद्यानों में पहुंचते हैं. प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने की जिम्मेदारी भी बोर्ड की है. इसलिए वन्यक्षेत्रों के आस-पास ईको-फ्रेंडली होमस्टे, अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यटकों में जागरूकता लाने जैसे विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं.
शॉर्ट फिल्म प्रदर्शित की गई
समारोह में मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटन गंतव्यों एवं उत्पादों पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म प्रदर्शित की गई। ऑडियो-विजुअल प्रेजेन्टेशन के माध्मय से मध्यप्रदेश के विभिन्न एतिहासिक, प्राकृतिक, आध्यात्मिक, लोक एवं शिल्प कला एवं वन्यजीव पर्यटन पर आधारित जानकारी साझा की गई. अतुल्य भारत के दिल मध्यप्रदेश को घूमने के लिए एक आकर्षक एवं आदर्श गंतव्य के रूप में चित्रित किया गया. आध्यात्मिकता, प्राकृतिक वैभव, वन्य जीवन और सांस्कृतिक आभा को समेटे हुए है, जो पर्यटकों को अभिभूत करता है. टूरिज्म बोर्ड की ओर से यह पुरस्कार उप संचालक युवराज पडोले ने ग्रहण किया.
टाइगर, चीता एवं लेपर्ड स्टेट की मान्यता मिली
मध्य प्रदेश वन्यजीवों की दृष्टि से एक संपन्न राज्य है. 12 राष्ट्रीय उद्यानों और 24 वन्यजीव अभयारण्यों के साथ, विभिन्न पौधों, जानवरों और पक्षियों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है. उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में टाइगर्स की संख्या 785 है, जो देश में सबसे ज्यादा है. इसलिए मध्यप्रदेश को ‘टाइगर स्टेट ऑफ़ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है. इसके साथ ही प्रदेश को ‘लेपर्ड स्टेट’ और ‘घडियाल स्टेट’ का भी गौरव प्राप्त है. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के आगमन ये प्रदेश को चीता स्टेट के रूप में मान्यता मिली है.