नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र 2023 की शुरुआत से पहले सांसदों से अपील की है कि वे संसद में सकारात्मक ऊर्जा के साथ आएं और लोकतंत्र के मंदिर को राजनीति का मंच न बनाएं। उन्होंने कहा कि देश में ठंड धीमी गति से बढ़ रही है, लेकिन राजनीतिक गर्मी तेजी से बढ़ रही है। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले हैं। ये देश के भविष्य को सुनिश्चित करने वाले परिणाम हैं। उत्तम जनादेश के बाद संसद के मंदिर में मिल रहे हैं। मेरी सभी सांसदों से अपील है कि सकारात्मक विचार लेकर संसद में आइए। बाहर की पराजय का गुस्सा संसद में लेकर मत आइएगा। लोकतंत्र के मंदिर को मंच मत बनाइए। देश को सकारात्मकता का संदेश दें।
सकारात्मक सोच बनाये रखे
पीएम मोदी ने कहा, “मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें। विधानसभा चुनावों के नतीजे लोगों के कल्याण, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध लोगों का उत्साहवर्द्धन करने वाले हैं। जो लोग महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों की चार ‘जातियों’ के सशक्तीकरण के सिद्धांत पर चलते हैं उन्हें जबरदस्त समर्थन मिलता है। जब जनकल्याण के लिए प्रतिबद्धता हो तो सत्ता विरोधी शब्द अप्रासंगिक हो जाता है।”
नकारात्मकता रखे दूर
प्रधानमंत्री ने तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद कहा कि कुछ लोग इसे सत्ता समर्थक, सुशासन या पारदर्शिता कहते हैं, देश में यह देखा जा रहा है। देश ने नकारात्मकता को नकार दिया है, लोगों की आकांक्षाओं को मजबूत करने के लिए लोकतंत्र का मंदिर महत्वपूर्ण मंच है। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें।