- गोशालाओं में सर्द हवाएं व कोहरे की धुंध गोवंश को अब देने लगी है दर्द
लखनऊ। बीकेटी विकासखंड क्षेत्र के विभिन्न गावों में स्थापित गोशालाओं में दिसंबर महीने की रातों की सर्द हवाएं व कोहरे की धुंध गोवंशो को दर्द देने लगी है। कारण, गोशालाओं में सर्दी से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। कहीं खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहीं तो कहीं टीन सेट के नीचे सर्द हवाओं से कांप रही हैं। अफसरों की अनदेखी से गोशालाओं में लगातार गोवंश दम तोड़ रहे हैं। यह अलग बात है कि शासन गोवंश की रक्षा व उनके भरण-पोषण को खासा ध्यान दे रही है।लेकिन, तहसील व ब्लाक स्तर पर अधिकारी उदासीनता बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं।
विकास खंड बीकेटी के विभिन्न गावों में 19 गौशालाएं हैं, और उनमें कई सैकड़ा गोवंश हैं। इन गोशाला में गोवंश की मौतें भी हुई हैं, या तो गोवंश को बेसहारा छोड़ दिया गया है। सर्दी का आगाज पूरी तरह से शुरु हो चुका है, लेकिन गोवंशों को सर्दी से बचाव के लिए अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए। गोशालाओं में टीन सेट है, लेकिन वहां सर्द हवाओं से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। कई जगहों पर तो टीन है, लेकिन गोवंश की तादात को देख पर्याप्त नहीं है। इससे गोवंश खुले आसमान के नीचे कांपते हैं।गोवंशों को ठंड से बचाव के लिए कोई अतिरिक्त बंदोबस्त नहीं हैं। टिन शेड में गोवंश रात में रहते हैं, जबकि दिन में खुले में घूमते हैं। चारे के रूप में सूखा भूसा और पराली दी जा रही है। उनके लिए काऊ कोट और गुड़ की व्यवस्था नहीं है।
इन गाँवों में चल रही गोशालाएं
महिगवां,किशुनपुर,सुवशीपुर,उसरना,भगौतीपुर,इन्दारा, सोनवा, ढिलवासी, मण्डौली, चकपृथ्वीपुर, अचरामऊ, सहदातनगर गढ़ा, परसहिया, अल्दमपुर, पहाड़पुर,मानपुर लाला, सुल्तानपुर, पालपुर, कौडियामऊ, कुम्हरावां
बहुत जल्दी ही गोवंशो को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट,टिन शेड को चारों तरफ से ढकने की व्यवस्था की जा रही है।और अलाव की भी व्यस्था की जाएगी।