नई दिल्ली। दिल्ली से सटे नोएडा में साइबर ठगी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर नोएडा की एक महिला इंजीनियर को 8 घंटे तक निगरानी कर उसे बंधक बनाया और उससे 11 लाख रुपए ठग लिए. महिला की शिकायत पर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर मामेल की जांच शुरू कर दी है.
खुद को अधिकारी बताकर ठगे पैसे
नोएडा के साइबर पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर रीता यादव ने बताया कि मामला 13 नवंबर का है, जब सेक्टर 34 धवलगिरी अपार्टमेंट में रहने वाली सीजा टीए के पास एक फोन कॉल आया. कॉलर ने खुद को टेलीफोन रेगुलेटरी ऑफ इंडिया का अधिकारी बताया. उसने सीजा को बताया कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक सिम कार्ड खरीदा गया है, जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है. इस सिम के जरिए 2 करोड़ रुपए निकाले गए हैं.
महिला को बनाया डिजिटल बंधक
इंस्पेक्टर रीता यादव ने बताया कि कॉलर की बात सुनकर सीजा टीए घबरा गई. साइबर ठग ने उसे जांच का हवाला देते हुए कॉल को स्काइप ट्रांसफर कर दिया. जांच अधिकारी बने साइबर ठग ने महिला इंजीनियर को स्काइप कॉल पर क्राइम ब्रांच और कस्टम के अधिकारी बनकर डराया धमकाया और 8 घंटे तक डिजिटल निगरानी करके उसे बंधक बनाए रखा. इसके बाद महिला से कई सवाल पूछे गए और उसे किसी से बात तक करने की अनुमति नहीं दी. आखिर में इन साइबर ठगों ने महिला इंजीनियर के खाते से 11 लाख 11000 रुपए ट्रांसफर कर लिए.
पुलिस और थाने का सेटअप कर ठगी रकम
हैरानी की बात यह है कि स्काइप पर महिला इंजीनियर को बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन दिखाई दे रहा था और पुलिस भी नजर आ रही थी.साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि ठगी का शिकार होने के बाद सीजा टीए ने इस मामले की शिकायत की. पुलिस इंस्पेक्टर के मुताबिक महिला इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट के दौरान किसी व्यक्ति को उसके मोबाइल फोन पर डाउनलोड ऐप से जुड़े रहने को कहा गया था.इस दौरान उसे डरा धमकाकर पैसे वसूले गए. मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.