राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम रविवार 3 दिसंबर को आ रहे हैं. उसके पहले ही यहां पर राजनीतिक दलों का ‘खेल’ शुरू हो गया है. बीजेपी और कांग्रेस ने जोड़तोड़ की कोशिश शुरू कर दी है. कुछ प्रत्याशियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है. वहां पर चुनाव परिणाम को लेकर मंथन भी हुआ है. वहीं, बीजेपी के कई नेता मैदान में डट गए हैं. कुछ निर्दलीय पहले से ही बीजेपी और कांग्रेस के टच में बने हुए हैं. रोचक बात है कि दोनों तरफ से आलाकमान अभी किसी को कोई संकेत या आदेश नहीं दे रहा है. फिर भी एक कोशिश शुरू हो गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर के मोती डूंगरी गणेश जी के दर्शन किए. बीजेपी में कई दिग्गज नेता संभावित बातों को लेकर अपनी कोशिश कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तैयारी शुरू कर दी. शुक्रवार को बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बड़ा एलान करके सबको चौंका दिया है.
बसपा अध्यक्ष ने क्यों किया एलान ?
राजस्थान बसपा के अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि बसपा मजबूती के साथ चुनाव लड़ी है. यहां पर आधा दर्जन विधायक बसपा के चुनाव जीतकर आएंगे. दो बार पहले भी कांग्रेस को वर्ष 2008 और 2018 में बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया है लेकिन दोनों बार कांग्रेस ने हमारे विधायकों को खरीदने और तोड़ने का काम किया है. इसलिए मायावती का कहना है कि जो भी विधायक चुनाव जीतकर आएंगे उनका समर्थन किसी भी दल को बिना शर्त समर्थन नहीं दिया जाएगा. उन जीते हुए विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, जो उन्हें सरकार में शामिल करेंगे. बसपा के इस एलान के बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है. पिछली बार बसपा के छह विधायक चुनाव जीतकर आये थे. जो बाद में सभी कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसलिए बसपा ने पहले से ये दांव खेल दिया है.
कांग्रेस और बीजेपी में सबकुछ आलाकमान के भरोसे
राजस्थान में चुनाव परिणाम आने से पहले बीजेपी और कांग्रेस में हलचल तेज है. दोनों दलों के नेताओं को दिल्ली पर भरोसा है. इसलिए वहां से क्या संदेश या आदेश आता है, उस पर सबकुछ निर्भर रहेगा. फिर भी अलग-अलग सूत्रों और लोगों के जरिये एक फील्डिंग सजाई जा रही है. निर्दलीय और पार्टी के के जीतने वाले संभावित विधायक अपने-अपने खेमे में जाने की तैयारी में है.