नई दिल्ली। हेल्दी रहने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर खाना काफी जरूरी होता है। पौष्टिक होने के साथ खाने स्वादिष्ट होना भी जरूरी है। यही वजह है कि लोग अपनी पसंद के मुताबिक खाना खाते हैं। कुछ लोग जहां वेज खाना पसंद करते हैं, तो वहीं कुछ नॉनवेज के शौकीन होते हैं। हालांकि, शोध से यह पता चलता है कि शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों में नॉनवेज खाने वाले लोगों की तुलना में दिल की बीमारी होने की संभावना 24% कम होती है। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं वेजिटेरियन डाइट के कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में-
वेट कंट्रोल करे
अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं, तो वेजिटेरियन डाइट इसमें काफी मददगार साबित होगी। दरअसल, इस तरह की डाइट में कैलोरी और सेचुरेटेड फैट कम होता है और फाइबर ज्यादा होता है, लंबे समय तक आपका पेट भरा रखता है, जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
कैंसर रोकने में मददगार
कुछ अध्ययनों की मानें तो वेजिटेरियन डाइट में कुछ कैंसर, विशेष रूप से कोलोरेक्टल, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन कैंसर की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकते है।
दिल को बनाए हेल्दी
वेजिटेरियन डाइट वाले लोगों को हार्ट डिजीज का खतरा काफी कम होता है। इसमें आमतौर पर ऐसे फूड आइटम्स शामिल होते हैं, जो फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट जैसे दिल के लिए सेहतमंद पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
किडनी का कार्य बेहतर करे
प्लांट बेस्ड डाइट खाने से आपकी किडनी को भी काफी फायद मिलता है। दरअसल, वेजिटेरियन डाइट आपकी किडनी की कार्यक्षमता में सुधार लाने में मदद कर सकता है। साथ ही इससे किडनी स्टोन का खतरा भी कम होता है और किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।
टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम करे
शोध से पता चलता है कि वेजिटेरियन डाइट फॉलो करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम हो सकता है। वेजिटेरियन डाइट में शामिल साबुत अनाज, फल, सब्जियां और बीन्स ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
पाचन स्वास्थ्य बेहतर बनाए
शाकाहारी भोजन में मौजूद फाइबर की मात्रा आपका पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह कब्ज को रोकने में मदद करता है, हेल्दी गट माइक्रोबायोम को सपोर्ट करता है और डायवर्टीकुलिटिस जैसी स्थितियों के विकास के खतरे को कम कर सकता है।