- बीकेटी में विभिन्न गाँवों में विकास कार्यों के नाम पर क्षेत्र पंचायत निधि का किया जा रहा है दुरपयोग
बीकेटी ब्लाक के अंतर्गत भरिगहना गांव में रायपुर बाबू मोड़ से रामप्रकाश के घर तक मुख्य मार्ग पर करीब 05 लाख की लागत से क्षेत्र पंचायत निधि से बनाई जा रही 47 मीटर इंटरलाकिंग सड़क निर्माण में दोनों तरफ की जा रही बॉक्सिंग में जमकर पीली ईंट का प्रयोग किया गया था। इसकी जानकारी होते ही ग्रामीण भड़क उठे थे।लोगों ने निष्पक्ष प्रतिदिन से शिकायत करते हुए बताया था कि क्षेत्र पंचायत निधि के तहत 47 मीटर इंटरलाकिंग कार्य में इंटरलाकिंग सड़क में दोनों तरफ की जा रही बॉक्सिंग में जमकर पीली ईंट का प्रयोग किया गया है।जिससे यह सड़क चंद महीनों में ही पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी।जिस पर निष्पक्ष प्रतिदिन ने मौके पर जाकर पड़ताल कर अपने 29 नवंबर के अंक में ‘इंटरलाकिंग में हो रहा भ्रष्टाचार,अधिकारी मौन’ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।जिसपर खंडविकास अधिकारी ने निरीक्षण कर इंटरलाकिंग सड़क की बॉक्सिंग में लगाई गयी पीली ईंट उखड़वाकर तत्काल अव्वल ईंट लगाने के निर्देश दिये थे।जिसपर ठेकेदार द्वारा आनन फानन में सड़क की बॉक्सिंग में लगाई गयी पीली ईंट उखड़वाकर उसके स्थान पर अव्वल ईंट लगवाई जा रही है।
भरिगहना गांव के ग्रामीणों ने विकासखंड और क्षेत्र पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ब्लाक प्रमुख और बीडीओ पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हैं।क्षेत्र पंचायत निधि से विकासखंड की विभिन्न ग्राम पंचायतों में कराये गये और मौजूदा समय में कराये गये कार्यों में न मानक का पता है,और न ही सामग्री की गुणवत्ता का।ब्लाक प्रमुख के चहेते ठेकेदारों द्वारा सब कुछ ताक पर रखकर खुलेआम लाखों के कार्य कराकर सरकारी धन का जमकर गोलमाल किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ठेकेदार कोई अकेले अपनी मनमर्जी से यह गलत काम नहीं कर रहे हैं।इस कार्य में उनको ब्लाक प्रमुख और खंडविकास अधिकारी का पूरा संरक्षण प्राप्त है।भरिगहना गांव तो मात्र उदाहरण है।बीकेटी की हर पंचायत में क्षेत्र पंचायत निधि से मनमाने तरीके से कार्य करवाकर सरकारी पैसा खुलकर बिना किसी खौफ के खुलेआम हजम किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि डकैत रात में अपनी जान जोखिम में डाल कर माल लूटते है, लेकिन यहां क्षेत्र पंचायत निधि का सरकारी धन दिनदहाड़े सरकार की आंखों में धूल झोंक कर जिम्मेदार खुलेआम लूट रहे है और सबके सब सरकारी कारिंदे खामोश है। शिकायत पर रटा रटाया जवाब मिलता रहता है,कि मामले की जांच की जाएगी। और जब जांच होती तो निर्दाेष का सार्टिफिकेट देकर जांच बन्द हो जाती है। इस तरह शिकायत करने वाले भोले भाले गांव वाले शांत होकर घर बैठ जाते है। इसके बाद शुरू होता है, वही खेल जो जनता को छोड़ सबको पसंद हो।