बरेली:- एड्स से बचाव और रोकथाम के जागरूकता अभियानों के बावजूद रोगियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। दो साल में एड्स मरीजों की संख्या में डेढ़ गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। खास बात यह है कि महिलाएं भी लगातार एड्स की चपेट में आ रही हैं, लेकिन पुरुषों की संख्या अधिक है।
विभाग इसके लिए जागरूकता की कमी को ही कारण बता रहे हैं। शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस पर एआरटी सेंटर पर शिविर का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
वर्ष 2012 में जिला अस्पताल में शासन के आदेश पर एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर) स्थापित किया गया था। यहां मरीजों की काउंसिलिंग की जाती है। इसके साथ ही सर्विलांस कर उन्हें इलाज मुहैया कराया जा रहा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में मंडल में 2672 एड्स के मरीज थे, जिसमें 1735 पुरुष, 894 महिलाएं और 13 ट्रांसजेंडर शामिल थे। वर्तमान में मंडल में 5168 मरीज पंजीकृत हैं इनमें 3346 पुरुष, 1568 महिलाएं और 22 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
दो सेक्स वर्कर भी मिले एचआईवी संक्रमित
इस वर्ष हाल ही में एआरटी सेंटर पर दो महिला सेक्स वर्कर पहुंची। उनमें एचआईवी के लक्षण थे। सेंटर पर जब दोनों वर्करों की जांच की गई तो वह एचआईवी ग्रसित मिली हैं। हालांकि गाइडलाइन के अनुपालन में इन वर्करों के संपर्क में आए लोगों को ट्रैस किया जाएगा।
बच्चों पर भी एचआईवी का वार
एआरटी सेंटर के डाटा मैनेजर मनोज वर्मा ने बताया कि मंडल में सक्रिय एचआईवी मरीजों में वर्ष एक से 14 साल तक के 215 बच्चे भी शामिल हैं। संक्रमित परिजनों की अनदेखी के चलते बच्चों में भी संक्रमण के खतरे की काफी हद तक संभावना होती है। इसलिए संक्रमण से बच्चों का बचाव हो सके इसके लिए गर्भावस्था के तुरंत बाद डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
ऐसे करें बचाव
एचआईवी से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करें।
साफ और नई सुई का प्रयोग करें।
संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध न बनाएं।
संक्रमित व्यक्ति का रक्त न चढ़वाएं।