उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम लला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की जाएगी. जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. फिलहाल भगवान राम का मंदिर बन जाने के बाद उसकी सुरक्षा कैसे की जाए, इसे देखते हुए सुरक्षा समिति की बैठक की गई और बैठक में कई अहम निर्णय भी लिए गए हैं. इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसका भी ध्यान रखा गया है.
सुरक्षा समिति की बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि सुरक्षा को लेकर के सभी छोटे-छोटे पहलुओं पर विचार किया गया है. आने वाले तीर्थ यात्रियों को उन सुरक्षा उपकरणों से गुजारना होगा और उनकी चेकिंग कब की जाएगी इन सभी बिंदुओं पर चर्चाएं की गई है.
सुरक्षा समिति की बैठक
अयोध्या कमिश्नर गौरव दयाल ने सुरक्षा समिति की बैठक की चर्चा करते हुए बताया कि सिक्योरिटी प्लान के तहत जिस धनराशि की मंजूरी दी गई है और बजट का इस तरह से बता पाना मुश्किल है, लगभग 40 करोड रुपए फर्स्ट फेज में गवर्नमेंट ने इसी वित्तीय वर्ष में मंजूर किए थे. आने वाले समय में ओवरऑल सिक्योरिटी प्लान भेजा गया है, उसमें जो बाकी चीज रह गई है उसकी मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है. 22 जनवरी तक जो व्यवस्था कर दी गई है वह पर्याप्त है, सभी बहुत ही सुरक्षित ढंग से करने के लिए सक्षम है.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए की जा रही तैयारी
गौरव दयाल का कहना है कि सुरक्षा समिति की बैठक में शासन की ओर से जिन इक्विपमेंट को इंस्टॉल करना और मैनपॉवर डेप्लॉय किया जाना है, उसकी प्रगति के बारे में समीक्षा की गई है. उनके अनुसार फिलहाल 22 जनवरी के दिन भगवान राम लला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए सारी तैयारी की जा रही है. उनका कहना है कि इस दौरान सुरक्षा चाक चौबंद रहे और कहीं कोई भी दिक्कत ना हो उसके हिसाब से सभी लगातार सतर्क हैं.
वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का कहना है कि सुरक्षा के छोटे-छोटे पहलुओं पर विचार किया गया है. उनके अनुसार भव्य राम मंदिर में आने वाले साल में 5 जनवरी तक सारे सुरक्षा उपकरण इंस्टॉल कर लिए जाएंगे और इसके बाद तीर्थ यात्री उन सुरक्षा मानकों से गुजर करके फिर दर्शन करने के लिए जाएंगे. उनका कहना है कि भव्य राम मंदिर का गर्भ ग्रह और और ग्राउंड फ्लोर बन कर तैयार हो गया है.