हिंदू माह के 15 वें दिवस शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं इस दिन चन्द्रमा अपने पूरे आकार में नज़र आता है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में बहुत ही महत्व हैं। कार्तिक पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अथवा व्रत अवश्य ही मनाया जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि में ही भगवान विष्णु ने मत्सय अवतार में जल में निवास किया था। इसलिए लोग आज गंगा स्नान करना बहुत शुभ मानते हैं। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही शिव जी ने त्रिपुरासुर का वध किया था। वहीं, ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न रहती हैं ऐसे में उनकी पूजा आज करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस बार कार्तिक पूर्णिमा किस दिन पड़ रही है उसके बारे में बताते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा तिथि 2023
पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 27 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगा। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान दान करना अच्छा होगा।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
आपको बता दें कि कार्तिक पू्र्णिमा के दिन स्नान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है। साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस दिन कपड़े, अनाज और धन का दान करने से सुख-समृद्धि आती है।
कार्तिक पूर्णिमा उपाय
अगर आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो फिर इस दिन आप सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ में दूध में शक्कर मिलाकर चढ़ाएं। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा होगी। साथ ही धन दौलत भी बढ़ेगा। वहीं, करियर में तरक्की नहीं मिल रही है, तो फिर आप इस दिन मां लक्ष्मी को केसर की खीर भोग लगाएं।
आयुर्वेद के अनुसार पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की चाँदनी सभी मनुष्यों के लिए अत्यंत लाभदायक है। यदि पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा का प्रकाश गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है अत: गर्भवती स्त्रियों को तो विशेष रूप से कुछ देर अवश्य ही चन्द्रमा की चाँदनी में रहना चाहिए ।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी की उपासना करें। पूजा के दौरान केसर की खीर का भोग अर्पित करें। पीले रंग के कौड़ियों को चढ़ाएं और अगले दिन इन कौड़ियों को तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से कारोबार में लाभ होता है। धन का अभाव नहीं होता। करियर में भी लाभ होता है।