नई दिल्ली। कर्नाटक में जातिगत जगनणना को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में नहीं दिख रही है। ऐसे में क्या राज्य कांग्रेस के इस रुख को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ बगावत के तौर पर देखा जाना चाहिए। लहर सिंह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और उनको पार्टी के लिए ‘पनौती’ बताया।
राहुल गांधी नेताओं के खिलाफ लेंगे एक्शन
अगर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे अपनी बातों को लेकर गंभीर हैं तो उन्हें कर्नाटक कांग्रेस के उन नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे नेताओं को बर्खास्त कर देना चाहिए जो जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में नहीं हैं। और अगर राहुल गांधी ऐसा नहीं करते हैं तो ये साफ है कि वो देश को बेवकूफ बना रहे हैं। और उन्हें जनगणना के आधार पर जातियों को नहीं दबाना चाहिए।
नेता जातिगत जनगणना के विरोध में
लहर सिंह ने कर्नाटक में जातिगत जनगणना के आंकड़ों की रिपोर्ट को गायब करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के सभी वोक्कालिंगा और लिंगायत नेता जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने के विरोध में हैं। कर्नाटक सरकार में उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने के विरोध में पत्र पर दस्तखत किए हैं। लहर सिंह ने कहा कि अगर राहुल गांधी और खरगे जातिगत जनगणना के बारे में गंभीर हैं तो उन्हें इन सभी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
जातियों की वजह से दबाव ज्यादा
सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट के बारे में जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक अनुसूचित जाति और मुसलमानों की आबादी लिंगायतों और वोकलीग्गा से ज्यादा है यानी लिंगायतों और वोकलीग्गा के वर्चस्व को लेकर जो आम धारणा है, वो खत्म हो जाएगी। कहा जा रहा है कि कि इन्हीं दोनों जातियों की तरफ से दबाव की वजह से अब तक रिपोर्ट सार्वजनिक करने की हिम्मत कोई मुख्यमंत्री नहीं कर पा रहा है, लेकिन अब दबाव मुस्लिम और अनूसूचित जाति की तरफ से सरकार पर पड़ रहा है। रिपोर्ट कैबिनेट के पास जाएगी और फिर एक प्रक्रिया है, उसके तहत तय होगा कि इसे कब जारी करना है।
रिपोर्ट सार्वजनिक करना नहीं चाहते
कर्नाटक में जातीय गणना की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या फिलहाल सार्वजनिक करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं, कम से कम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले तक। ओबीसी आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। सोशल एंड एजुकेशनल सर्वे यानी कास्ट सेंसस रिपोर्ट लगभग तैयार है। कर्नाटक के ओबीसी आयोग के अध्यक्ष जय प्रकाश हेगड़े ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि इस रिपोर्ट में क्या है ये मैं आपको नहीं बता सकता हूं, सिर्फ इतना कहना चाहता कि मैं रिपोर्ट सौंप रहा हूं।