गांव की बेटी बनी थल सेना की कैप्टन, बाबा बने प्रेरणा श्रोत

हमीरपुर : बचरौली गांव निवासी की मिंशू परमार पुत्री स्वर्गीय विभूति सिंह परमार को भारतीय भारतीय थल सेना में कैप्टन बनाया गया है। मिंशू के कैप्टन बनने के बाद से उनके गांव, घर व परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है। पिता की मृत्यु के बाद से मिंशू का पालन-पोषण उनकी मां व बाबा ने किया।

मिंशू परमार का हमीरपुर के कुरारा विकासखंड के बचरौली गांव में वर्ष 1996 में जन्म हुआ था। जब वह कक्षा नौ की पढ़ाई कर रहीं थी तब उनके पिता विभूति सिंह परमार का एक सड़क हादसे में देहांत हो गया था। मिंशू दो बहने हैं। पिता के देहांत के बाद दोनों बहनों का पालन पोषण उनकी मां सरला परमार व भूतपूर्व सैन्य अधिकारी रहे उनके बाबा रामस्वरूप परमार की देखरेख में हुआ। मिंशू ने बताया कि पिता के देहांत के बाद से पूरा परिवार मानो टूट सा गया था। लेकिन फिर मां व बाबा ने कठिनाइयों का सामना करते हुए दोनों बहनों को पढ़ाया लिखाया। बताया कि पिता की मृत्यु के कुछ समय बाद से परिवार कानपुर में जाकर रहने लगा था। वहीं से उन्होंने अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई की। मिंशू ने बताया की बाबा थल सेना में अधिकारी रहे हैं जो अब रिटायर हो चुके हैं उन्हीं से मुझे देश सेवा करने की प्रेरणा मिली है। जिसके बाद मैंने तैयारी करनी शुरू की थी। बताया की उनका 2017 में थल सेना की एमएनएस (मिलिट्री नर्सिंग सर्विस) में चयन हुआ था जिसके उन्हें चार साल की ट्रेनिंग में मुंबई भेजा गया था। ट्रेनिंग के बाद उन्हें 2021 में लेफ्टीनेंट के कमीशन पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने बताया कि लगातार वह आगे की तैयारी करती रहीं जिसके बाद 21 नवंबर मंगलवार को उन्हें पदोन्नति करते हुए थल सेना द्वारा उन्हें एमएनएस (मिलिट्री नर्सिंग सर्विस) का कैप्टन बनाया गया। कैप्टन बनने के बाद उन्हें मेरठ जिले में तैनानी मिली है। मिंशू ने बताया कि उनकी इसी वर्ष मार्च माह में कानपुर में शादी हुई थी। मिंशू के कैप्टन बनने के बाद से उनके गांव व घर समेत परिवार में खुशी का माहौल छाया हुआ है। लोग इंटरनेट मीडिया पर भी उन्हें बधाई दे रहें हैं।

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