ग्वालियर। ग्वालियर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक चार से हजीरा होते हुए पड़ाव चौराहा तक सड़क मंजूर की गई है। ग्वालियर में निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार जल्दबाजी में घटिया निर्माण करके सरकार को चूना लगाने में जुटे हैं। इसका हालिया मामला उजागर ग्वालियर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में हुआ है, जहां आचार संहिता में अफसरों के व्यस्त होने का फायदा उठाते हुए लिए ठेकेदार ने नियमों के खिलाफ और प्रतिबंध के बावजूद रात के अंधेरे में ही सड़क बना डार्ली। वहीं जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तब प्रशासन एक्शन में आ गया।
पहले जानिए क्या है पूरा मामला
ग्वालियर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक चार से हजीरा होते हुए पड़ाव चौराहा तक सड़क मंजूर की गई है। आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले इस पर काम भी शुरू कर दिया गया था ताकि चुनावी गफलत में ही इसका भुगतान भी करवा लिया जाए। 9 करोड़ 94 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क पर ठेकेदार ने काम शुरू किया गया तो इसकी गुणवत्ता को लेकर शिकायतें पहुंचने लगीं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने जब इसकी जांच की तो उन्होंने इन शिकायत को सही पाया।
ठेकेदार ने रात में ही बनाई सड़क
स्मार्ट सिटी की सीईओ के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद ठेकेदार ने विगत दिनों रातों-रात सड़क बिछाने का काम शुरू कर दिया, ताकि काम पूरा बताकर फटाफट पेमेंट करा लिया जाए।
खुली प्रशासन की नींद
कोहरे और ओस के बीच बन रही इस सड़क का वीडियो बनाकर जागरुक नागरिकों ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों तक भेजा और सवाल पूछा कि यह काम कैसे हो रहा है। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने इस मामले में तत्काल इंजीनियरों को भेजकर काम रुकवाया और कार्यवाही के आदेश दिए।
स्मार्ट सिटी अधिकारी ने लिया एक्शन
जांच के दौरान सड़क निर्माण का काम गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया, इस कारण स्मार्ट सिटी प्रशासन ने तुरंत इस काम को रोकने के निर्देश दिये। इसके साथ ही हिदायत भी दी कि जब भी सड़क निर्माण किया जाए तो यह सुनिश्चित हो कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के इंजीनियर मौके पर गुणवत्ता की जांच के लिए मौजूद रहें और रात को किसी भी हालत में सड़क न बनाई जाए।
कार्यवाही के दिए आदेश इंजीनियर को हटाया, ठेकेदार को नोटिस
स्मार्ट सिटी की सीईओ नीतू माथुर ने बताया कि हजीरा से पड़ाव तक लगभग 2 किलोमीटर की एक रोड स्वीकृत है जिस पर काम चल रहा था। इसमें डामर की लेयर डालने का जो काम होना था, उसको लेकर पहले भी वेंडर को अवगत कराया गया था कि जब भी वह लेयर डालने का काम करे तो हमारे इंजीनियरों की मौजूदगी सुनिश्चित करें ताकि क्वालिटी मेंटेन की जा सके। लेकिन इस निर्देश के बावजूद उन्होंने बगैर स्मार्ट सिटी को बताए रात में डामर डालने का काम किया है। इससे सड़क जल्दी उखड़ने लगेगी। नीतू माथुर का कहना है कि हमने वेंडर को नोटिस भी जारी किया है, साथ ही निर्देशों की अवहेलना करने और लापरवाही बरतने के कारण प्रोजेक्ट के इंजीनियर को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
वहीं महापौर डा. शोभा सिकरवार के पति डा. सतीश सिकरवार ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक होने से इस क्षेत्र की सड़कों और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की महत्वपूर्ण सड़कों को शामिल किया गया है, जबकि दक्षिण विधानसभा की सिर्फ तीन-चार सड़कें ही शामिल की गई हैं। प्रथम चरण में 22.99 किमी की 23 सड़कें 25 करोड़ 32 लाख रुपए में बनाई जानी हैं। इसमें 12.50 करोड़ रुपए की प्रदान की गई है।