उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के हलाल सर्टिफिकेट पर रोक लगाये जाने पर संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा की इनके फैसले हमेशा नफरत से भरे होते हैं. इनकी सरकार की पॉलिसी नफरत भरी है ये मुसलमानों के खिलाफ हैं, ये एंटी मुस्लिम हैं जो नफरत फैला रहे हैं. मुसलमान इन से डरेंगे नहीं, मुसलमान इन से संतुष्ट नहीं हैं. ये देश सब का है हमारा भी है हर किसी को वोट की आजादी है खाने की आजादी है.
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि मैं 2024 में चुनाव जरूर लडूंगा. वहीं इंडिया गठबंधन में दरार के सवाल पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुझ से कोई सलाह नहीं लेते हैं उनकी गठबंधन पर क्या रणनीति है इस पर उन्होंने मुझ से कोई बात नहीं कि है न कोई इस पर वह हमसे चर्चा करते हैं. हालांकि मैं अभी भी समाजवादी पार्टी का हूं लेकिन इस पर मैं अभी कोई चर्चा नहीं कर सकता. मैंने तो ऐलान कर दिया है कि मैं चुनाव लड़ूंगा हिन्दू मुसलमान सब चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं.
सपा सांसद ने कहा कि इस बार देश मे इंडिया गठबंधन की जीत होगी. रालोद नेता जयंत सिंह के संभल से प्रत्याशी खड़ा करने पर सपा सांसद बर्क ने कहा कि यहां से मैं चुनाव लड़ूंगा. सपा सांसद ने कहा कि हम देख रहे हैं कि देश की पॉलिसी में नफरत है, वह हिन्दू-मुस्लिम को लड़ा रहे हैं. इस से देश का भला नहीं होने वाला. आप दुनिया का इतिहास उठा कर देख लें नफरत से कभी जिंदगी नहीं मिलती. नफरत से कभी वोट नहीं मिलता, सपा सांसद बर्क ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के समय में इमरजेंसी में जेल में गुजारे समय में लिखी अपनी शायरी का एक शेर भी सुनाया.
यूपी सरकार द्वारा प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स के उत्पादन और बिक्री पर बैन लगा दिया गया है. इसको लेकर जगह-जगह छापेमारी चल रही है. इस बीच इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है. योगी सरकार के फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के हालात बिगाड़ने और मुसलमान को परेशान करने के लिए इस तरह की कार्यवाही की जा रही है. लेकिन हम लोग इसको नहीं मानते हैं.
यह हमारा मजहबी मामला
सपा सांसद ने योगी सरकार की कार्यवाही को लेकर शेर पढ़कर तंज कसा. शफीकुर्रहमान ने कहा- “खुरच खुरच कर मिटाओ न इन निशानों को, हमारे नाम से ही शायद तुम्हारा नाम चले.” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह हमारा मजहबी मामला है और हम हलाल सर्टिफिकेशन दे सकते हैं. यह सर्टिफिकेट उसूलों की बुनियाद पर दिया जा रहा है. इसलिए जमीयत की तरफ से सर्टिफिकेट जारी करना पूरी तरह से जायज है और उसपर अमल होना चाहिए.
शफीकुर्रहमान बर्क ने आगे कहा कि जहां तक हलाल का सवाल है तो हलाल इस्लाम की पॉलिसी और इस्लाम के उसूलों में है. कुछ ऐसी चीज भी है जिनको मुसलमान नहीं खा सकता है और ना ही इस्तेमाल कर सकता है. जबकि, कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल कर सकते हैं. जिन चीजों को इस्तेमाल नहीं करने के लिए अल्लाह ने हुक्म दिया है वह हमारे लिए हराम है.