रतसर (बलिया)। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सोमवार को लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व डाला छठ संपन्न हुआ। उदित होते ही भगवान भास्कर को तालाब,सरोवर में हजारों व्रती महिलाओं ने अर्घ्य देकर संतान की दीघार्यु व परिवार के मंगल की कामना की। कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने घाट और घर पर बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया। कार्तिक मास में सूर्य षष्ठी व्रत पर्व को लेकर कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्साह दिखा। रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। दूसरे दिन सोमवार को व्रती महिलाओं ने भोर में स्नान के बाद तालाब,सरोवर पर पारंपरिक गीत ‘ कांच ही बांस के बहंगिया,बहंगी लचकत जाय… ‘ गीत गाती हुई विभिन्न टोलियों में घाटों पर पहुंची। जहां भगवान भास्कर का पूजन-अर्चन किया। तत्पश्चात उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार के सुख- समृद्धि की कामना की। इस दौरान कुछ व्रती महिलाएं पानी में घंटो खड़ी रही तो कुछ मन्नत पूरी होने पर घर से घाट तक लेट-लेट कर पहुंची।