छठ पूजा : डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर की प्रार्थना

लखनऊ- नियम और संयम के चार दिनी छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार को व्रतधारी अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर शाम 5.42 बजे से कमर तक भरे जलकुंड में खड़े होकर व्रतधारी सूर्य देवता को अर्घ्य दिया। सूप में उनके समक्ष फल और प्रसाद रखे हुए थे। इसके साथ ही छठ मैया को ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पूरी, हलवा, चावल के बने लड्डुओं का भोग लगाया। छठ की कहानी सुनाई गयी। खास अवसर पर शहरभर में छठ घाट सज-संवरकर सुबह से ही तैयार हो गए थे।

छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में महिलाएं गीत भी गाती नजर आईं। चारों ओर धूप-दीप जलते नजर आए। बताते चलें कि छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। यह चैत्र या कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुबह से अर्घ्य की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है। सोमवार को उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत का परायण किया जाएगा।गोमती नदी के घाटों पर छठ व्रतधारियों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।

पूरे दिन बाजारों रही भीड़
छठ पर्व के तहत रविवार को सूर्य देव को दिए जाने वाले अर्घ्य के रूप में चढ़ाए जाने वाले मौसमी, गन्ना, नारियल, मिट्टी का हाथी, मिट्टी का बर्तन, मिट्टी का दीप, अर्ध्यपात, बांस की टोकरी, केला आदि खरीदने के लिए पूरे दिन बाजार में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। अब रविवार को व्रतियों के साथ परिवार के लोग ठेकुआ बनाएंगे। यह अर्घ्य में चढ़ाए जाने वाला महत्वपूर्ण प्रसाद होता है।

इन स्थानों पर हुए आयोजन
शहर में कुड़िया घाट,लक्ष्मण मेला पार्क, झूलेलाल वाटिका,पक्का पुल घाट, डालीगंज पुल, खाटू श्याम मंदिर घाट, खदरा, गोमतीनगर, आशियाना, कृष्णानगर, तेलीबाग, नीलमथा इत्यादि जगह पर सार्वजनिक छठ महापर्व आयोजित किया गया। यहां छठ व्रती सार्वजनिक जलाशयों तथा कृत्रिम जलकुंडों में खड़े होकर सूर्यदेव से अपने संतानों, परिवारों, समाज तथा शहर एवं प्रदेशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि एवं दीर्घायु होने की प्रार्थना की।

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