हमीरपुर : सात साल के मासूम बालक की बेतवा नदी में डुबो डुबोकर नृशंस हत्या करने वाले हत्यारोपी को विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) एसके खरवार की अदालत ने शनिवार को आजीवन सश्रम कारावास और 85 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता रामबाबू अवस्थी ने बताया कि थाना जरिया के चंडौत गांव निवासी मंगल सिंह यादव ने 14 जनवरी 2020 को जरिया थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उसका सात वर्षीय पुत्र अवधेश घर के सामने खेल रहा था। दोपहर तीन बजे के आसपास अचानक गायब हो गया। खोजबीन शुरू की तो पिता दयाराम व भाई रामबाबू उर्फ बब्बू ने बताया कि अवधेश को गांव का रामप्रकाश राजपूत खाखी घाट बेतवा नदी की तरफ ले जाते हुए दिखाई दिया है। उसी दिन शाम चार बजे वह अपने भाई के साथ पुत्र की तलाश में नदी घाट की तरफ गया तो रास्ते में गांव की फूलवती व कुंती मिली। उन्होंने भी यही बताया कि रामप्रकाश उसके पुत्र को नदी घाट की तरफ लेकर गया है। जब वह लोग नदी किनारे पहुंचे तो देखा रामप्रकाश उसके पुत्र को बेतवा नदी में डुबो रहा है। उन लोगों को आता देख रामप्रकाश उसके पुत्र अवधेश को नदी में छोड़कर भाग निकला। गांव के लोगों की मदद से जब अवधेश को नदी से बाहर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। अदालत ने रामप्रकाश को बालक की हत्या का दोषी मानते हुए उसे सश्रम आजीवन कारावास व 85 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड में से 50 हजार रुपए पीड़ित पक्ष को दिया जाएगा।