हैदरगढ़ बाराबंकी। सेवक के लिए प्रभु की सेवकाई ही परम धर्म है। श्री हनुमान जी महाराज से सेवा का मर्म सीख जा सकता है। वास्तव में उनसे बड़ा प्रभु का सेवक जग में कोई दूसरा नहीं हुआ। उक्त बात हरचंदपुर रायबरेली से पधारे युवा मानस मर्वज्ञ अंकित दास ने महंत लालता दास जी महाराज जी के सानिध्य में ब्रह्मलीन बाबा प्रेम दास जी की कुटी पर आयोजित श्री रामचरितमानस सम्मेलन के पांचवें दिन कही। इस मौके पर मंच पर मौजूद सभी विद्वानों का खाटू श्याम परिवार हैदरगढ़ ने अंग वस्त्र व माल्यार्पण करके स्वागत किया।
अंकित दास ने बताया कि श्री हनुमान जी महाराज सीता जी की खोज में जब लंका पहुंचे तब उन्होंने विभीषण जी को सुझाव दिया कि वह श्री राम जी की शरण में जाएं। क्योंकि विभीषण धर्म के आधार पर अपना जीवन जीते थे और उनका धर्म दशानन रावण का कवच था। इसी धर्म से रावण को बल मिलता था। इसलिए हनुमान जी ने विभीषण को प्रभु राम जी के पास जाने का सुझाव दिया ।उन्होंने कहा की श्री हनुमान जी ही नहीं अन्य वानर व जामवंत जी जैसे सेवक प्रभु के निर्देश पर ही सीता जी की खोज के लिए गए थे।
मानस मर्मज्ञ अजय शास्त्री ने कहा कि भगवान श्री राम जी के चरित्र के सरोवर में जो भी भक्त स्नान करता है। उसका बेड़ा पार हो जाता है ।उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम जी को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है ।क्योंकि उन्होंने मर्यादित जीवन की कर मानव समाज को मर्यादित जीवन जीने की सीख दी है।
मानस कार्यक्रम में मंच पर मौजूद सभी विद्वानों का श्री खाटू श्याम परिवार हैदरगढ़ के के अध्यक्ष डॉ विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष राजकुमार सोनी अंग वस्त्र एवं माल्यार्पण करके स्वागत किया । श्री सोनी ने आगामी 22 नवंबर को आयोजित होने वाले श्याम भजन कार्यक्रम के लिए भक्तजनों को आमंत्रित भी किया।इस दौरान दिल्ली से आए पन्नालाल जी के भजनों ने भी खूब धूम मचाई। मानस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बाबा राम तीरथ दास जी महाराज, मोती बाबा, सेवानिवृत शिक्षक यमुना प्रसाद श्रीवास्तव, गोविंद सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया, सौरभ मिश्रा ,रामू पंडित, सिद्धनाथ त्रिपाठी, मेवालाल, संतोष कुमार, अनुराग वर्मा, राम सिंह, राम भीख त्रिवेदी, राजकुमार सोनी, उमेश कुमार, केदार नाथ भार्गव, प्रेम कुमार मिश्रा सहित सैकड़ो भक्तजन उपस्थित थे।