पत्रकारो के हित में वने कानून

बदायूं । जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ ने कहा कि पत्रकारों, सामाजिक, सूचना कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिये कानून बने। व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल लागू हो। राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर शक्ति संपन्न आयोग गठित हो। चिकित्सा, बीमा व पेंशन योजनाओं का लाभ मिले।

संस्थापक ने कहा कि शासन के तीन अंग हैं विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका। समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाहन करने के कारण मीडिया का इतना महत्त्व बढ़ गया कि उसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। इसके पीछे पत्रकारों की लंबी संघर्ष गाथा है। इस समय प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया ने एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। सक्रियता बढ़ने से खतरे भी बढ़ना स्वाभाविक है।

मीडिया कर्मियों पर हमले होना,हत्या हो जाना, परिजनों का उत्पीड़न होना, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों व भ्रष्ट तत्वों द्वारा निरंतर हमले,फर्जी मुकदमे लिखे जाने की एक बहुत विशाल श्रंखला है। मीडिया कर्मियों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न स्तरों पर आवाज भी उठी। संसद में भी कई बार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई। विभिन्न राज्य सरकारों ने भी अपने स्तर से सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी किये, लेकिन कोई कानून नहीं बन सका। पत्रकारों की सुरक्षा के लिये कानून बनने में सबसे बड़ी बाधा नौकरशाही है।

वर्ष 2011 में व्हिसिल व्लोअर प्रोटेक्शन बिल लाया गया जो संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया और राष्ट्रपति के पास वर्ष 2014 से लंबित है। इस बिल के द्वारा भ्रष्टाचार के विषय उठाने वालों की सुरक्षा के उपाय किये गये हैं। इसी तरह लोकपाल कानून बन जाने के बाद भी आज तक नौकरशाही की वजह से निष्प्रभावी है।

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