नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत की मेजबानी में शुक्रवार को आयोजित होने वाले ‘वायस आफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन का दूसरा संस्करण वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों और अधिक समावेशी विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करने के तरीकों पर केंद्रित होगा।
इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन में 10 सत्र होंगे जिनमें व्यापार, ऊर्जा और जलवायु वित्त जैसे विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।उद्घाटन और समापन सत्र देश और सरकार के प्रमुख के स्तर पर होंगे और इनकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में नेताओं के उद्घाटन सत्र का विषय ”एक साथ, सभी के विकास के लिए, सभी के विश्वास के साथ” होगा और समापन सत्र का विषय ”वैश्विक दक्षिण: एक भविष्य के लिए एकसाथ” होगा।
ग्लोबल साउथ के 125 देश एक साथ आएगी
भारत ने 12 और 13 जनवरी को ”आवाज की एकता, उद्देश्य की एकता” विषय पर ‘वायस आफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन के पहले संस्करण की मेजबानी की थी। यह अनूठी पहल ग्लोबल साउथ के 125 देशों को एक साथ लाई थी और उन्होंने शिखर सम्मेलन में अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा किया था। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ”जी-20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर उचित ध्यान दिया जाए और सबसे गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं का उचित ध्यान रखा जाए।”
वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा होने की संभावना
बयान के मुताबिक, दूसरा ‘वायस आफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता के दौरान विभिन्न जी-20 बैठकों में हासिल किए गए प्रमुख परिणामों को प्रतिभागी देशों के साथ साझा करने पर केंद्रित होगा। वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, यह शिखर सम्मेलन अधिक समावेशी, प्रतिनिधित्वपूर्ण व प्रगतिशील विश्व व्यवस्था की हमारी साझा आकांक्षा की दिशा में बनी गति को बनाए रखने के तरीकों पर चर्चा करने के मंच के रूप में काम करेगा।ंब