पुणे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गईं हैं। शरद पवार की बेटी और राकांपा की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं थी। जुलाई में महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद चाचा और भतीजे के बीच हुई यह दूसरी मुलाकात है।
शुक्रवार को घंटे भर चली बैठक 83 वर्षीय शरद पवार के भाई और सकाल मीडिया समूह के मालिक प्रतापराव पवार के घर पर हुई। सुले ने कहा कि प्रताप पवार की पत्नी अस्वस्थ हैं और पवार परिवार के सदस्य इसी सिलसिले में शुक्रवार को उनके घर पर एकत्र हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी बीमारी के कारण, पूरे परिवार के लिए पवार परिवार के दिवाली समारोह में शामिल होना संभव नहीं होगा।’’ सुले ने कहा, “हमारी राजनीतिक विचारधाराएं अलग-अलग हैं, फिर भी हम अपने व्यक्तिगत संबंध बनाए रखते हैं। पेशेवर और निजी जीवन में फर्क होता है। हर साल, पवार परिवार के सदस्य दिवाली समारोह के लिए बारामती में इकट्ठा होते हैं।
हालांकि, इस साल मेरी चाची अस्वस्थ हैं, इसलिए हमने उनके आवास पर जाने की योजना बनाई।” राकांपा के अजित पवार धड़े के नेता अंकुश काकड़े ने कहा कि चिकित्सकों ने डेंगू से उबर रहे अजित पवार को पूरा आराम करने की सलाह दी है और संक्रमण से बचने के लिए उन्हें बड़ी सभाओं से दूर रहने को कहा है। अजित पवार गुट के नेता और राज्य के सहकारिता मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने भी शुक्रवार को पुणे में शरद पवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राकांपा संस्थापक के साथ उनकी मुलाकात में कुछ भी राजनीतिक नहीं था।
मंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह शरद पवार साहब की अध्यक्षता वाले रयात शिक्षण संस्थान के मुद्दों पर चर्चा के लिए एक निर्धारित बैठक थी।’’ राकांपा सूत्रों ने कहा कि पुणे में अपने चाचा से मिलने के बाद, अजित पवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। अजित पवार ने शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा जताया है।