नई दिल्ली। भारतीय थल सेना पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा पर अपने सैन्य अभियानों के लिए एविएशन ब्रिगेड की संख्या में बढ़ोतरी करेगी। एविएशन ब्रिगेड सैन्य इकाइयां हैं जो सैन्य हेलीकाप्टरों को तैनात करती हैं। उनमें हमले/टोही हेलीकॉप्टर, मध्यम-लिफ्ट हेलीकॉप्टर, भारी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर और ‘मेड-इवेक’ (मेडिकल इवेक्यूएशन) क्षमता शामिल हो सकती है।
ब्रिगेड की मदद से संगठित कमान और कंट्रोल्ड सिस्टम तैयार
सेना के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि ब्रिगेड की मदद से संगठित कमान और कंट्रोल्ड सिस्टम तैयार किया जाता है। एक ब्रिगेड में 50-60 हेलीकॉप्टर अभियानों के लिए तैनात रहते हैं। हल्के युद्धक हेलीकॉप्टरों का पहला जंगी बेड़ा (स्क्वाड्रन) विकसित कर तैनात और अभियानों में शुमार किया जा चुका है। अपाचे हेलीकॉप्टरों के पायलटों और तकनीशियनों का भी प्रशिक्षण पूरा हो चुका है।
भारतीय सेना की निगरानी क्षमता को बढ़ाने के लिए हेरोन एमके-2 (आरपीएएस) और हर्मीज 900 स्टार लाइनर की योजनाबद्ध तैनाती की जाएगी। मिस्सामारी में हाल ही में शुरू की गई ब्रिगेड के कारण उन क्षेत्रों में अभियानों की ओर से बेहतर नियंत्रण और प्रदर्शन किया गया। इससे जमीन पर स्थित सेना और उड्डयन संभालने वाली सेना दोनों को मदद मिलती है।
ब्रिगेड तैयार करने की योजना बना रहे हैं
अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में तीन उड्डयन ब्रिगेड हैं जिनमें से दो उत्तरी सीमा और एक पूर्वी सीमा पर तैनात है। लेकिन हम ऐसी और ब्रिगेड तैयार करने की योजना बना रहे हैं और यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि ऐसे उड्डयन अभियानों में उड़ानों की सुरक्षा की सबसे बड़ी चिंता है और रहेगी। चूंकि इन अभियानों में मौसम और मानव त्रुटि सबसे घातक साबित होती हैं।
आर्मी एविएशन कार्प का ये होता है काम
आर्मी एविएशन कार्प युद्धक खोजी और बचाव अभियानों (सीएसएआर), तोपों को उठाकर ले जाने, युद्धक व राहत सामग्री पहुंचाने, सैन्य कैदियों को ले जाने और चिकित्सा संबंधी बचाव अभियान का काम करते हैं।