बाराबंकी। स्वास्थ्य विभाग में तैनात संविदा बीपीएम व अन्य कर्मचारी को मूल तैनाती स्थल पर भेजने के आदेश सीएमओ ने दिए हैं। यह आदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद आया है। लेकिन जिले में सी एच सी अधीक्षक हाई कोर्ट व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश को नहीं मान रहे है। उनके द्वारा संविदा कर्मियों को सीएससी से रिलीव नहीं किया जा रहा है।
एनएचएम के तहत विभाग में बीपीएम कंप्यूटर ऑपरेटर बीसीपीएम आदि पदों पर संविदा पर कर्मचारियों की तैनाती की गई थी लेकिन तत्कालीन अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नियमों को दरकिनार कर 4 में 2022 को विभिन्न ब्लाकों में तैनात 10 बीपीएम के तबादले कर दिए थे। इसके साथ ही सीपीएम व कंप्यूटर ऑपरेटर के भी तबादले किए गए थे जबकि शासन का आदेश है कि संविदा पर तैनात किसी भी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। नियम विरुद्ध किए गए ट्रांसफर के विरोध में कुछ संविदा कर्मियों ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने 4 मई 2022 को किए गए तबादलों को निरस्त करने और सभी कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने की आदेश सीएमओ को दिए थे। लेकिन सीएमओ पर दबाव बनाने के लिए संविदा कर्मियों ने पैरवी शुरू कर दी थी। कुछ कर्मी मूल तैनाती स्थल पर लौट के लिए तैयार भी नहीं थे। उन्हें अधीक्षकों के शह मिली हुई थी। जिसके चलते कई दिनों तक मामला दबा रहा लेकिन आदेश हाईकोर्ट का होने के कारण सीएमओ ने 1 नवंबर को पूर्व में हुए स्थानांतरण आदेश को निरस्त करते हुए सभी संविदा कर्मियों को मूल तैनाती स्थल पर लौट के आदेश दिए थे। चार दिन बाद भी अभी तक संविदा कर्मचारी अपने मूल तैनाती स्थल पर नहीं लौटे हैं। इससे संविदा कर्मियों में आक्रोश है। उनका कहना है की सी एच सी अधीक्षकों द्वारा उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।