लखनऊ: जापानी उद्यमियों से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश की विस्तृत संभावनाओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत् 07 प्रमुख कंपनियों (मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयोड्रंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डी.एल.जे.एम. मोल्डिंग) सहित 1,400 से अधिक जापानी कंपनियां भारत में संचालित हैं। जीआईएस-2023 के पार्टनर कंट्री के रूप में जापान का बड़ा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिक पार्क, उत्कृष्टता केंद्र और अनुसंधान एवं विकास केंद्र विकसित कर रही है। ग्रेटर नोएडा में 750 एकड़ में विकसित जा रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के अंतर्गत जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैण्डीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब इत्यादि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट विकसित किए जा रहे हैं। अन्य परियोजनाओं में बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांस- गंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में गारमेंट पार्क और डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ ही अपनी नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत आकर्षक सब्सिडी प्रदान करती है।
हमने अनेक सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई है, जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर, बायो-फ्यूल, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, डेयरी, आदि। इन नीतियों में स्टाम्प ड्यूटी एवं इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट, भूमि के मूल्य में छूट, पूंजीगत सब्सिडी, नेट एसजीएसटी का रिफंड आदि हमारे जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन हैं। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने फॉर्चून ग्लोबल 500 व फॉर्चून इण्डिया 500 कंपनियों के लिए प्रोत्साहन नीति भी घोषित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और यहां बड़ा मानव संसाधन, कुशल श्रम बल और बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध है। भारत की ‘फ़ूड बास्केट के रूप में विख्यात, उत्तर प्रदेश में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी सेक्टर्स में असीम अवसर हैं। वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों का हब है। पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है, जो उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए एक अच्छा गंतव्य हो सकता है।