मानक के विपरीत बक्शी का तालाब क्षेत्र में बेचे जा रहे हैं पटाखे…

बीकेटी लखनऊ दीपावली के त्यौहार में पटाखो का अलग ही महत्व है। दीपावली का पर्व निकट आते ही बख्शी का तालाब, सैरपुर, इटौंजा, मोहना ,अमानीगंज, जानकीपुरम व अन्य स्थानों में पटाखे की दुकानें सजने लगी है। इसके अलावा पटाखे बनाने व भंडारण करने का काम तेजी से हो रहा है। यहां पर अग्निशमन उपकरणों का मुकम्मल इंतजाम नहीं है तथा अन्य मानको की अनदेखी की जा रही है। एक जानकारी के अनुसार नगर पंचायत इटौंजा में आदिल शमसुद्दीन मोहम्मद अरशद मोहम्मद आमिर तथा अमानीगंज कस्बे में अकील व सालिया खातून के पास पटाखा कारोबार करने का लाइसेंस है । कारोबारी अपनी दुकान पटाखों से सजने लगे हैं जिससे पटाखा बनाने का कार्य भी जोरों से चल रहा है पर यहां पर मानकों की अनदेखी की जा रही है इतना ही नहीं आबादी के निकट पटाखा कारोबारी द्वारा दुकान लगाई जा रही हैं। इसके अलावा अग्निशमन उपकरण पर्याप्त न होने व बालू व पानी का भी अभाव है।

नियम यह है की आबादी से बाहर पटाखे की दुकान लगाई जाएं इन दुकानों में अनार गोला सहित कई तरह के घातक पटाखे रखे जा रहे हैं। बताते चले कि 21 फरवरी 2011 को जाबिर अपने घर में पटाखे बनाने का कार्य कर रहा था। पटाखे बनाते समय अचानक आग लग गई जिससे जोरदार धमाका हुआ और पूरा इटौंजा कस्बा दहल गया इसमें जाबिर उनकी पत्नी वह उनकी बेटी शमा बुरी तरह से घायल हो गई थी जिससे बेटी की मौत हो गई।इसके अलावा अभी हाल ही में आरिफ अपनी दुकान में पटाखे बना रहा था उसी समय अचानक आग लग गई जिससे आरिफ बुरी तरह से घायल हो गया। नागरिकों व जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो इटौंजा एक बार फिर बारूद ही चपेट में आ सकता है। प्रशासन पटाखा बेचने बनाने वालों को लाइसेंस तो दे रहा है पर वह यह नहीं देख रहा कि यहां पर नियमों को ताक पर रखकर कारोबार किया जा रहा है। जब कोई हादसा हो जाता है तो प्रशासन हरकत में आता है इटौंजा थाने की पुलिस इस पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

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