संगम नगरी प्रयागराज में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिले में टोंस नदी पर बने जिस पुल का लोकार्पण दो दिन पहले किया था, उसमें आवागमन शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही मामूली दरार आ गई. नव निर्मित पुल में दरार आते ही सरकारी अमले में हड़कंप मच गया. आनन फानन में पुल को बंद कर दिया गया. मरम्मत के बाद पुल को दोबारा शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन लापरवाही और भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े इस पुल पर अब सियासत शुरू हो गई है.
सपा मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो ट्वीट कर प्रयागराज के इस पुल की तुलना गुजरात के मोरबी वाले पुल से कर दी. बहरहाल सियासी घमासान के बीच बैकफुट पर आए सरकारी अमले ने पुल में आई गड़बड़ी पर अपनी सफाई पेश की है. राहत की बात ये है कि पुल को तकरीबन बीस घंटे की मरम्मत के बाद फिर से चालू कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश बॉर्डर के पास है पुल
दरअसल, प्रयागराज में शहर से तकरीबन साठ किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश बॉर्डर के नजदीक नारीबारी इलाके में टोंस नदी पर एक पुल बनाया गया है. तकरीबन 63 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल का शिलान्यास ढाई साल पहले सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किया था. ये पुल प्रयागराज और मध्य प्रदेश के 200 से ज्यादा गांवों के लोगों की सुविधा के मद्देनजर बनाया गया है.
सीएम योगी ने किया था लोकार्पण
पुल के निर्माण से यूपी और एमपी के इन 200 गांवों के लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी. महाकुंभ में संगम आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस पुल से खासी मदद मिलनी थी. इस पुल का लोकार्पण दो दिन पहले 30 अक्टूबर को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के सोरांव इलाके में आयोजित बीजेपी के दलित महासम्मेलन में किया था.
इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार में निर्माण के काम न सिर्फ समय पर पूरे हो रहे हैं, बल्कि क्वालिटी का भी खास ध्यान रखा जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रयागराज में 14 महीने बाद लगने वाले महाकुंभ के कामों को क्वालिटी के साथ समय पर पूरा कराया जाएगा.
10 घंटे बाद ही पुल में आई दरार
स्कूल का निर्माण यूपी राज्य सेतु निगम ने कराया था. लोकार्पण के 10 घंटे बाद ही इस पुल में मामूली दरार आ गई थी. यह दरार पुल में उस जगह हुई जहां उसे आपस में जॉइंट किया गया था. जॉइंट में दरार आने से हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने जब यह जानकारी अफसरों को दी तो सरकारी अमले में कोहराम मच गया. अफसरों ने किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर पुल पर आवागमन बंद करा दिया. एक्सपर्ट की जांच के बाद पुल की मरम्मत कराई गई और तकरीबन 20 घंटे बाद इसे फिर से चालू कर दिया गया है.
पुल के दोबारा चालू होने पर स्थानीय लोगों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन उन्हें डर भी लग रहा है. लोग चाहते हैं कि इस मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. लोकार्पण के 10 घंटे बाद ही पुल में दरार आने और इसे आवागमन के लिए बंद किए जाने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा.
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से ऐसा हुआ है. कुंभ मेला नजदीक है, ऐसे में लोगों की जिंदगी को कतई खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए. उन्होंने इस पुल की तुलना गुजरात में बड़े हादसे का सबक बनने वाले पुल से भी की. हालांकि प्रयागराज में राज्य सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक अनिरुद्ध कुमार ने दरार की बात को नकारते हुए कहा है कि मिट्टी धंस जाने की वजह से कुछ तकनीकी खामी आई थी, जिसे ठीक कर दिया गया है और पुल को दोबारा चालू कर दिया गया है.
सवाल यह है कि जो पुल किसी हादसे का सबब बन सकता था, उसे हड़बड़ाहट में आखिरकार क्यों खोल दिया गया और बिना तैयार हुए पुल का लोकार्पण सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों क्यों कराया गया. अब देखना यह होगा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है या फिर सियासी उठापटक के बीच मामले को यहीं दफन कर दिया जाएगा.