श्रीराम वनवास व दशरथ मरण की लीला देख छलके श्रद्धालुओं के आंसू

बलिया। कस्बा के रामलीला मंच पर चल रहे लीला के क्रम में मंगलवार की रात को राम वनवास लीला का जीवंत व मार्मिक मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। लीला की शुरुआत डॉ. जीउत वर्मा व पंकज उपाध्याय ने दीप जलाकर किया।लीला में दिखाया गया कि सीता स्वयंवर के बाद राम,लक्ष्मण व सीता अयोध्या पहुंचते हैं तो पूरे राज्य में खुशियां मनाई जाती है।राजा दशरथ राम को राजकाज देने का निर्णय करते हैं।अंतिम समय पर रानी कैकेयी दासी मंथरा के कहने पर राजा दशरथ से पूर्व में दिए गए दो वचन मांग लेती हैं। पहले वचन वो राम को चौदह वर्ष का वनवास और दूसरे वचन में भरत को अयोध्या का राजा बनाने के लिए कहती हैं।दशरथ कैकेयी को बहुत समझाते हैं लेकिन वो नहीं मानती हैं।

जब श्रीराम को इस बात का पता चलता है तो वो सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं।उसके बाद राम,सीता व लक्ष्मण वन को गमन करते हैं।उधर पुत्र वियोग में दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। लीला में दशरथ की भूमिका अंजनी गुप्ता ने,श्रीराम की राकेश मौर्य,लक्ष्मण यश प्रताप सिंह ने निभाया।उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह,राधामोहन गुप्ता ,डॉ.ब्रजेश सिंह आदि व्यवस्था में लगे रहे।संचालन अध्यक्ष मुकेश सिंह मंटू ने किया।देर रात तक दर्शक लीला को देखने के लिए जमे रहे।

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