शासन द्वारा संचालित मध्याह्न भोजन योजना के अनुसार कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत साप्ताहिक मीनू के अनुसार गर्म पका पकाया भोजन देने का प्रावधान निर्धारित है। इसमें भोजन बनाने के लिए छात्र छात्राओं की संख्या के अनुरूप रसोइयों को दो हजार पर्तिम के मानदेय पर रखा जाता है। रसोइयों को 10 माह का मानदेय निर्धारित है। अप्रैल 2023 तक का मानदेय सीधे खातों में भेज दिया गया था। मई एवं जून का मानदेय रसोइयों को नहीं मिलता है। वर्तमान में नवंबर कि शुरुआत हो चुकी है लेकिन जुलाई से अक्टूबर तक का मानदेय अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। विद्यालयों में काम करने वाली रसोईयां अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर हैं जो अपने भरण पोषण के लिए अल्प मानदेय पर काम करती हैं। व्रत, त्यौहार आदि पर मानदेय की लगातार वाट जोहती हैं। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी पर उम्मीद थी कि मानदेय मिल जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। आगामी दीपावली के त्यौहार को मद्देनजर रखते हुए सभी को मानदेय शीघ्र खातों में आने की आस लगाए हुए हैं, उन्होंने शासन से शीघ्र ही मानदेय देने की अपील की है।
नगर क्षेत्र में कार्यदाई संस्था के पास है मध्याह्न भोजन देने की जिम्मेदारी
ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन मीनू के अनुसार विद्यालय स्तर पर रसोइयों द्वारा बनाया जाता है, जबकि नगर क्षेत्र में यह जिम्मेदारी कार्यदाई संस्थाओं को दी जा चुकी है। नगर क्षेत्र में संस्थाएं गर्म पका पकाया भोजन मुहैया कराती हैं।