मौन चराने में हुए विवाद पर दो पक्षों के 26 लोगों को हुई सजा, लगा अर्थदंड

हमीरपुर : मौन चराने को लेकर बीस वर्ष पूर्व दो गांवों के बीच हुए बलवे के मामले में डकैती कोर्ट में फैसला सुनाया गया है। जिसमें अपर सत्र न्यायाधीश डकैती कोर्ट पीके जयंत ने एक पक्ष के 13 दोषियों को पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास व दूसरे पक्ष के 13 दोषियों को तीन वर्ष छह माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक पक्ष को 26 हजार व दूसरे पक्ष को 2.21 लाख का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने क्षतिपूर्ति के रूप में अर्थदंड के दो लाख रुपये पीड़ित पक्ष को दिए जाने का आदेश दिया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मणिकर्ण शुक्ल ने बताया कि राठ थानाक्षेत्र के इकटौर गांव निवासी पीड़ित वंशगोपाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि मौन चराने में गोवंश को लेकर दोषी रामपाल, अजयपाल, लल्लू, रामकिशन, सुगर, रामसहोदर, रामसहाय, लख्खू यादव, राजबहादुर, महेंद्र, मुल्ली उर्फ मुरलीधर, रामनरायन, विजय बहादुर व छत्तू उर्फ छत्रपाल ने एक राय होकर लाठी डंडों से मारपीट की है। जिसमें उन्हें गंभीर चोटे आई है। बताया कि मारपीट से आहत उसके साथी अशोक की मौत हो गई है।
मामले में पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित बलवा व अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषी 13 लोगों को पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जबकि
दोषी सुपर व वादी मुकदमा वंश गोपाल की मुकदमा दौरान मौत हो गई।
वहीं प्रत्येक दोषी पर 17 हजार का अर्थदंड लगाया है। अदालत ने अर्थदंड की कुल 2.21. लाख की धनराशि में से दो लाख मृतक के. परिजनों को दिए जाने का आदेश दिया है। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
वहीं दूसरे पक्ष के शासकीय अधिवक्ता राजेश तिवारी ने बताया कि मझगवां थानाक्षेत्र के खरेल गांव निवासी पीड़ित विजय बहादुर ने दी तहरीर में बताया कि वह लोग मौन चराने गए थे। जहां इकटौर गांव निवासी लट्टू उर्फ अंकुरदास, कंधी उर्फ कन्हैयालाल, फुल्ली उर्फ फूल सिंह हरिबाबू, बृजनंदन, मुन्ना उर्फ सुखनंदन, हरि गोपी, शिवकुमार, ध्यान सिंह, रामहेतु भूरा व दीना ने एक राय होकर लाठी डंडों व बंदूक से लैस होकर घर में घुसकर हमला कर कर दिया। जिससे उन्हें गंभीर चोंटे आई हैं।
पुलिस ने सभी 13 लोगों पर घर में घुसकर मारपीट, गाली गलौज, जानमाल की धमकी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी 13 दोषियों को तीन वर्ष छह माह की सजा सुनाई है। जबकि प्रत्येक दोषी पर दो-दो हजार का अर्थदंड लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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