बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर जिले की स्याना तहसील के खंदोई गांव निवासी 35 वर्षीय वेदकुमारी ने पुलिस भर्ती की तैयारी कर यूपी पुलिस में महिला कांस्टेबल बनने का सपना संजोया था, लेकिन उससे पहले यूपीएसआरटीसी की संविदा पर नियुक्ति हो गई वो भी वेद कुमारी और उसके पति दोनो की, बस फिर क्या था तब से दंपति सरकार की रोडवेज गाड़ी को चला रहे है और हम साथ साथ है की कहावत को भी चितार्थ
कर रहे है।
जिंदगी और नौकरी की गाड़ी दोनो चला रहे साथ साथ
बुलंदशहर जनपद की रहने वाली वेद कुमारी अप्रैल 2023 से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की रोडवेज बस का स्टेयरिंग संभाल रहीं हैं। वेदकुमारी संस्कृत से परास्नातक हैं, अभी तक वह दिल्ली पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रही थी लेकिन रोडवेज में महिला चालकों की जगह निकलने पर वेद कुमारी ने अपना इरादा बदल कर रोडवेज बस का सारथी बनने की ठान ली। वेद कुमारी का मानना था कि पुलिस में नौकरी लग भी गई तो अलग-अलग रहने के साथ परिवार भी सफर करेगा। कौशल विकास मिशन के तहत उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के सहयोग से साल 2021 वेदकुमारी ने माडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर से भारी वाहन चलाने का सात का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद वेद कुमारी को लोनी डिपो की वर्कशाप में 10 माह के प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया था। अप्रैल 2023 में कौशांबी डिपो की रोडवेज बस का वेदकुमारी ने पहली बार स्टेयरिंग थामा था, खास बात ये है किट इसी बस में वेद कुमारी के साथ उनके पति मुकेश कुमार परिचालक के रूप में साथ निभा रहे हैं। यह दंपति अब कौशांबी- बुलंदशहर – बदायूं रूट पर एक ही रोडवेज बस पर जिंदगी और नौकरी का सफर यात्रियों के साथ कर रहे है। वेद कुमारी ने बताया कि परिवार अब
गाजियाबाद में रहता है , एक 16 साल को बेटा और एक चार साल की बेटी है। बेटा सूर्यकांत 10वीं और बेटी भाविका केजी में पढ़ रही है। सूर्यकांत ही अपनी बहन का ध्यान रखता है ।यूपीएसआरटीसी गाजियाबाद परिक्षेत्र ए.के. चौधरी ने बताया कि कौशांबी डिपो से कौशांबी – बदायूं रूट पर परिचालक पति के साथ रोडवेज बस चला रहीं है । एक साथ काम करके दोनो खुश है। कौशल विकास मिशन महिलाओं के सपनों का द्वार खोल रहा हैं। दंपती रोडवेज में संविदा पर तैनात है।