सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के दो सदस्यों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी के दो सदस्यों को 30 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को फिनोलेक्स केबल्स की एजीएम और कंपनी के प्रबंधन नियंत्रण से जुड़े विवाद में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था, मगर एनसीएलएटी ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बावजूद अपनी ओर से आदेश पास कर दिया. इसकी जानकारी जब सुप्रीम कोर्ट को हुई, तब कोर्ट नाराज हो गया और उसने तुरंत जज को तलब कर लिया.
सुप्रीम कोर्ट उस वक्त नाराज हो गया, जब एक जज साहेब ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद अपना फैसला सुना दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जज को तलब कर लिया और व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी (NCLAT) यानी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के ज्यूडिशियल मेम्बर जस्टिस राकेश कुमार और टेक्निकल सदस्य आलोक श्रीवास्तव को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 30 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को फिनोलेक्स केबल्स की एजीएम और कंपनी के प्रबंधन नियंत्रण से जुड़े विवाद में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था, मगर एनसीएलएटी ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बावजूद अपनी ओर से आदेश पास कर दिया. इसकी जानकारी जब सुप्रीम कोर्ट को हुई, तब कोर्ट नाराज हो गया और उसने तुरंत जज को तलब कर लिया.