नई दिल्ली। संसद में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने के मामले में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा अब फंसती जा रही है। उनके खिलाफ भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने लोकसभा आचार समिति (एथिक्स कमेटी) में शिकायत दर्ज कराई है, जिसपर आज सुनवाई होनी है। समिति आज अपनी पहली बैठक करेगी
निशिकांत दुबे को पेश होकर देना होगा बयान
समिति ने महुआ मोइत्रा रिश्वत मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को इस संबंध में अपना बयान देने को बुलाया है। मामले में महुआ से पूछताछ करवाने के लिए निशिकांत दुबे द्वारा 15 अक्टूबर को शिकायत की गई थी। मामले में महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत देहाद्राई से भी पूछताछ होगी।
आचार समिति आज मामले की सुनवाई करने वाली है और महुआ से इस पर जवाब मांगा जा सकता है।
आखिर ये एथिक्स कमेटी क्या होती है, इसका काम क्या है और इसके सदस्य कौन हैं। आइए सब जानते हैं….
लोकसभा एथिक्स कमेटी क्या है और कब आई अस्तित्व में?
लोकसभा एथिक्स कमेटी सांसदों के नैतिक आचरण की निगरानी के लिए बनाई गई समिति है। यह 2015 में अस्तित्व आई थी। इसे लोकसभा का स्थायी हिस्सा भी बनाया गया है। यह एक वर्ष की अवधि के लिए होती है।
लोकसभा एथिक्स कमेटी के सदस्य कौन हैं?
वर्तमान में लोकसभा एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष भाजपा के विनोद कुमार सोनकर हैं। इसी के साथ इनमें भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और सुभाष भामरे; कांग्रेस के वी वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालाशोवरी वल्लभनेनी, और परनीत कौर; शिवसेना के हेमंत गोडसे; जद (यू) के गिरिधारी यादव; सीपीआई (एम) के पीआर नटराजन और बीएसपी के दानिश अली समिति के सदस्य हैं।
महुआ मोइत्रा किस मामले में फंसी हैं?
दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कुछ दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख शिकायत की थी कि महुआ मोइत्रा ने संसद में अडानी पर सवाल पूछने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत के तौर पर उपहार और नकदी ली। आरोप वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा साझा किए गए सबूतों पर आधारित लगाए गए थे, जिन्हें महुआ मोइत्रा ने झूठ करार दिया।
दूसरी ओर उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने भी मामले में एक हलफनामा दिया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्होंने अदानी के खिलाफ संसद में सवाल उठाने के लिए महुआ मोइत्रा को रिश्वत दी थी।