नई दिल्ली। रामपुर हाउंड, हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ जैसे भारतीय नस्ल के कुत्ते जल्द ही जोखिम वाले क्षेत्रों में गश्त के अलावा संदिग्धों, नशीले पदार्थों और विस्फोटकों की पहचान करने जैसे कामों में पुलिस की मदद के लिए तैनात किए जा सकते हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पुलिस ड्यूटी के वास्ते भारतीय नस्ल के कुत्तों की भर्ती करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, रामपुर हाउंड नस्ल के कुछ कुत्तों को पुलिस ड्यूटी में तैनात करने का परीक्षण जारी है। उन्होंने बताया कि हिमालयी कुत्तों को भी पुलिस ड्यूटी में लगाने संबंधी परीक्षण के लिए आदेश जारी किया गया है। मौजूदा समय में पुलिस ड्यूटी में तैनात लगभग सभी कुत्ते जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, बेल्जियम मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल जैसी विदेशी नस्लों के हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) और आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) ने भारतीय नस्ल के कुत्ते मुधोल हाउंड को पुलिस ड्यूटी में तैनात करने संबंधी परीक्षण पहले ही पूरा कर लिया है। सीआरपीएफ और बीएसएफ के कुत्ता प्रशिक्षण केंद्रों में रामपुर हाउंड जैसे भारतीय नस्ल के कुछ अन्य कुत्तों का परीक्षण भी किया जा रहा है।’’
अधिकारी के मुताबिक, इसके अलावा मंत्रालय ने बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी को हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ जैसे हिमालयी कुत्तों के परीक्षण का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि इन कुत्तों को पुलिस ड्यूटी में तैनात करने का परीक्षण जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले भी वैज्ञानिक तरीकों से स्थानीय कुत्तों की नस्ल को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं। सीएपीएफ द्वारा किराए पर लिए गए सभी कुत्ते पुलिस सेवा के9 (पीएसके) दस्तों का हिस्सा हैं। पुलिस ड्यूटी के लिए कुत्तों को किराए पर लेने और प्रशिक्षित करने वाले सीएपीएफ में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स शामिल हैं।
अधिकारी के अनुसार, पुलिस कुत्तों को गश्त और अन्य कार्यों के अलावा आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) और बारूदी सुरंगों जैसे विस्फोटकों तथा नशीले पदार्थों व नकली मुद्रा का पता लगाने जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी आतंकवादियों का पता लगाने संबंधी तलाश अभियानों में भी इन कुत्तों का इस्तेमाल किया जाता है।
गृह मंत्रालय ने पीएसके के संबंध में सीएपीएफ और अन्य पुलिस एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सीखने और सहयोग की संस्कृति तथा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। लगभग 4,000 कुत्तों के साथ सीएपीएफ देश में पुलिस कुत्तों का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। यह हर साल लगभग 300 कुत्तों को तैनात करता है।
एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, सीएपीएफ में सबसे ज्यादा कुत्तों का इस्तेमाल सीआरपीएफ (लगभग 1,500) और सीआईएसएफ (लगभग 700) करते हैं। उन्होंने बताया कि आतंकवाद विरोधी बल राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पास लगभग 100 कुत्ते हैं। गृह मंत्रालय ने के9 दस्ते की शुरुआत 2019 में अपने पुलिस आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कुत्तों के प्रजनन, प्रशिक्षण और चयन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से की थी।