बिहार सरकार की ओर से जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ देशभर में जातिगत जनगणना को चुनावों में मुद्दा बना रहा है।
सुनील सिंह सिसोदिया, जयपुर। बिहार सरकार की ओर से जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ देशभर में जातिगत जनगणना को चुनावों में मुद्दा बना रहा है। राजस्थान सरकार भी जातिगत जनगणना कराने को लेकर हाल ही आदेश जारी कर चुकी है। क्या अब कांग्रेस पार्टी प्रदेश में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में ओबीसी का प्रतिनिधित्व बढ़ाएगी। कांग्रेस के पिछले तीन विधानसभा चुनावों में किए गए टिकट वितरण पर नजर डालें तो ओबीसी को 30 फीसदी के आस-पास ही टिकट दिए जा रहे हैं।
जबकि कहा जा रहा है कि देश में ओबीसी 50 फीसदी के आस-पास है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि जिसका जितना प्रतिनिधित्व उतना हक मिलना चाहिए। राहुल के इस बयान के बाद से प्रदेश के ओबीसी वर्ग में टिकट वितरण में भी भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि कांग्रेस ओबीसी की पैरवी कर चुनावों में तुरुप के इक्के के रूप में देख रही है।
महिला 33 फीसदी की हकदार, मिल रहा 12 से 14 फीसदी
राजस्थान में कांग्रेस इसी चुनाव से महिला आरक्षण को 33 फीसदी लागू करने को लेकर जोरदार ढंग से पैरवी कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने स्वयं भी महिलाओं को अब तक आधी भी हिस्सेदारी टिकटों में नहीं दी। गत तीन विधानसभा चुनावों में महिलाओं को कांग्रेस ने 12 से 14 फीसदी के आस-पास ही टिकट दिए हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस की महिला नेताओं को अधिक प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। गत तीन विधानसभा चुनावों में विभिन्न जातियों को टिकटों में मिला प्रतिनिधित्व…
जाति- चुनाव- चुनाव- चुनाव
……….. 2008- 2013- 2018
ओबीसी- 21-23-25
जाट- 35- 37- 30
बिश्नोई- 3- 3- 3
जाट सिख- 2-1- 1
ब्राह्मण- 21- 16-21
महाजन- 11- 13- 12
मुस्लिम- 17- 16- 15
राजपूत- 18- 14- 13
गुर्जर- 9- 12- 12
पंजाबी- 1- 1- 0
एससी- 34- 35- 35
एसटी- 28- 29-28