खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंट्स पर लगाया। इस गंभीर आरोप पर जब भारत ने जस्टिन ट्रूडो से सबूत मांगा तो वहां से कुछ भी नहीं मिला। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनातनी लगातार बढ़ रही है। भारत सरकार लगातार इस मुद्दे पर सख्त रुख अपना रही है जिसके बाद कनाडा ने भारत से अपने अतिरिक्त राजनयिकों को वापस बुला लिया है पर मामले में भारत पर अंतरराष्ट्रीय मानदंडों की अनदेखी का आरोप लगाया। बिना किसी सबूत के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाने से पहले नहीं सोचा, अब जब भारत सरकार इस मामले में एक्शन ले रही है तो उन्हें इंटरनेशनल लॉ की याद आ रही है। शुक्रवार को जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई राजनयिकों पर भारत सरकार की कार्रवाई भारत और कनाडा में लाखों लोगों के लिए सामान्य जीवन को बहुत कठिन बना रही है। उनके इन ताजा आरोपों को भारत के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
कनाडाई पीएम ने क्या कहा
“भारत सरकार ने इस सप्ताह जो कार्रवाई की, वह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। भारत सरकार ने भारत में 40 कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक प्रतिरक्षा को एकतरफा रद्द करने का फैसला किया। यह वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है…इसके बारे में दुनिया के सभी देशों को चिंतित होना चाहिए। कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की कथित हत्या करके अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के हमारे आरोपों को भारत सरकार खारिज कर रही है…भारत सरकार ने भारत में काम कर रहे 40 राजनयिकों की राजनयिक प्रतिरक्षा रद्द करने का फैसला किया…भारत सरकार भारत और कनाडा में रहने वाले लाखों लोगों के सामान्य जीवन को कठिन बना रही है, भारत सरकार कूटनीति के बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन करके ऐसा कर रही है।”
मामला जानिए
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा वहां की सांसद में इस साल जून में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के आरोप के बाद दोनों पक्षों के बीच राजनयिक तनाव पैदा गया था। इसके बाद भारत ने कनाडा से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा था।