लखनऊ। हर साल दुनियाभर में आज यानी 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। हल्की सी भी चोट लगने पर हड्डियां फैक्चर हो जाती हैं। महिलाओं में यह बीमारी अधिक होती है। विदेशी महिलाओं की अपेक्षा भारतीय महिलाओं में यह बीमारी अधिक होती है।
यह कहना है राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के डॉ. सुशील गुप्ता का। उन्होंने वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे पर लोगों को जागरुक करने के लिए यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 20 प्रतिशत विदेशी महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होती है, तो वहीं भारतीय महिलाओं में एक उम्र के बाद 40 फीसदी महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा जाता है और वह इस बीमारी की चपेट में आ जाती हैं।
बीमारी का कारण
डॉ.सुशील गुप्ता ने बताया कि भारतीय महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की दिक्कत बहुत ज्यादा बच्चे पैदा करने की वजह से हो सकती है। बच्चों को लंबे समय तक दूध पिलाना, इसके अलावा सूरज की रोशनी में कम बैठना और पोषण की कमी भी इस बीमारी का एक वजह हो सकती है।
मधुमेह बीमारी की वजह से भी होता है फैक्चर
डॉ.सु़शील गुप्ता की माने तो जिन लोगों को मधुमेह यानी की शुगर की बीमारी होती है। उनमें भी ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी और फैक्चर होने की संभावना रहती है। शुगर में फैक्चर भी अधिक होता है। वहीं लंबे समय तक स्टारॉयड का इस्तेमाल भी ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का कारण बनता है।
जिन लोगों को कूल्हे की हड्डी का फैक्चर होता है उनमें से 40 फीसदी लोगों की मौत एक साल में हो जाती है। इसलिए इस बीमारी से बचाव की कोशिश करनी चाहिए। जिसका सबसे बेहतरीन तरीका जीवनशैली में सुधार और पोषण युक्त भोजन है। यह बीमारी 40 साल की उम्र के बाद कभी भी हो सकती है।