शारदीय नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। सनातन शास्त्रों में मां कात्यायनी की महिमा का वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया है। मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही आय, सौभाग्य और आयु में वृद्धि होती है। मां अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में केवल मंगल ही मंगल होता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी मां कात्यायनी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पूजा के समय इस चालीसा का पाठ अवश्य करें। साथ ही श्रद्धा भाव से मां की आरती-अर्चना करें।