मुंबई: पुणे के ससून अस्पताल से दो सप्ताह पहले भागे ड्रग डॉन ललित पाटिल को मुंबई पुलिस की एक टीम ने चेन्नई से पकड़ लिया है। उसे देर रात गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने बुधवार को यहां कहा कि उसे मुंबई लाया जा रहा है। पुलिस उसे पुणे ले जाने से पहले उसकी रिमांड की मांग करेगी।
मुंबई पुलिस ने पहले नासिक में उसकी अवैध नशीले पदार्थ निर्माण इकाई का भंडाफोड़ किया था। पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने अक्टूबर 2020 में उसके करोड़ों रुपये के एमडी (मेफेड्रोन) रैकेट को नष्ट कर दिया था। ललित पाटिल को गिरफ्तार कर लिया गया और तब से वह जेल में बंद था। जून में टीबी और हर्निया के इलाज के लिए उसे ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 2 अक्टूबर को मौका पाकर ललित पाटिल पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा। एक्स-रे के लिए ले जाते समय वह अस्पताल से भाग निकला। इस पर एक बड़ा राजनीतिक हंगामा भी खड़ा हो गया था। इस घटना की शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और अन्य ने तीखी आलोचना की। उन्होंने ललित पाटिल के भागने में सत्तारूढ़ गठबंधन के मंत्री की संलिप्तता का आरोप लगाया। उसके भागने से ठीक तीन दिन पहले पुणे पुलिस ने उसके सहयोगी सुभाष मंडल को ससून अस्पताल के बाहर से दो करोड़ रुपये मूल्य के 1.70 किलोग्राम से अधिक ड्रग के पैकेट के साथ पकड़ा था। संदेह था कि ललित पाटिल ने कैंटीन के एक लड़के के माध्यम से उसे (मंडल को) ड्रग्स की आपूर्ति की थी। अस्पताल से भागने के बाद ललित पाटिल ज्यादातर सड़क मार्ग से होते हुये कथित तौर पर गुजरात गया। फिर अपने ड्रग्स माफिया संपर्कों के माध्यम से कर्नाटक पहुंचा और वहां से चेन्नई गया जहां मुंबई पुलिस की एक टीम एआई का उपयोग करके उसे ट्रैक करने और पकड़ने में कामयाब रही। इस बीच, पुणे पुलिस ने भगोड़े ड्रग डॉन तक पहुंचने के अपने प्रयासों के तहत 10 अक्टूबर को ललित पाटिल के भाई भूषण पाटिल और एक सहयोगी अभिषेक बलवाडकर को गिरफ्तार कर लिया था।