समाजवादी पार्टी ने अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के संभावित उम्मीदवारों की पहली सूची तैयार कर ली है। इसमें परिवार की पारंपरिक चार या पांच सीटें हैं। इन सीटों के अलावा सात या आठ सीटों पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडियाÓ के उम्मीदवारों की घोषणा अगले कुछ दिन में हो सकती है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटें भी हैं, जहां जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल विपक्ष के गठबंधन में है और पूर्वी उत्तर प्रदेश की सीटें भी हैं, जहां कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी भी ‘इंडियाÓ का हिस्सा है।
परिवार की पारंपरिक सीटों- आजमगढ़, कन्नौज, मैनपुरी, बदायूं और फिरोजाबाद के अलावा जिन सीटों पर सपा के उम्मीदवार तय हो जाने की बात कही जा रही है उनमें लखनऊ की सीट भी है। इस सीट से भाजपा के दिग्गज राजनाथ सिंह सांसद हैं। पिछली बार समाजवादी पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को लड़ाया था और कांग्रेस से आचार्य प्रमोद कृष्णम लड़े थे। दोनों का साझा वोट 42 फीसदी था, जबकि राजनाथ सिंह को 57 फीसदी के करीब वोट मिले थे।
बहरहाल, कहा जा रहा है कि इस बार लखनऊ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी अपने पुराने नेता रविदास मेहरोत्रा को लड़ा सकती है। वे लखनऊ मध्य सीट से विधायक हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार में 2012-17 तक वे मंत्री भी रहे थे। जानकार सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के अलावा सहयोगी पार्टियों के नेताओं के नाम भी कुछ सीटों पर तय कर दिए गए हैं। पुराने जाट नेता हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर सीट से टिकट देने की घोषणा हो सकती है।
राष्ट्रीय लोकदल की पारंपरिक सीट बागपत से जयंत चौधरी की पत्नी चारू चौधरी के नाम की घोषणा हो सकती है। बताया जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन के नेता इस बार वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कृष्णा पटेल या उनकी बेटी पल्लवी पटेल को चुनाव लड़ाने पर विचार कर रहा है। पल्लवी पटेल ने पिछले विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को हराया था।
पल्लवी की बहन और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल उस सीट पर प्रचार के लिए नहीं गई थीं। सपा, रालोद और अपना दल के संस्थापक नेताओं के परिवारों की पारंपरिक सीटों के अलावा प्रतापगढ़, अयोध्या, बस्ती और मोहनलालगंज के उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है। अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस को तय करना है कि वहां से कौन लड़ेगा। कुल मिला कर एक दर्जन उम्मीदवारों की घोषणा बहुत जल्दी हो सकती है।