जिस लाइसेंसी असलहा की गोली से सत्यप्रकाश दुबे के साथ तीन स्वजन की निर्मम हत्या हुई थी। उस मुख्य आरोपित नवनाथ मिश्र को फोन कर प्रेमचन्द के भाई रामजी यादव ने बुलाया था। उसके बाद ही उसके दो दोस्तों से लाइसेंसी असलहा छीनकर उसने सत्यप्रकाश दुबे और उनकी पुत्री और पुत्र की निर्मम हत्या कर दी गई। यह आरोप घटना के मुख्य आरोपित नवनाथ मिश्र की पत्नी सुनीता मिश्रा ने लगाया है।
फोन पर झगड़ा होने की कही थी बात
कहा कि मेरे पति को प्रेमचन्द के भाई रामजी यादव ने ही मोबाइल फोन पर बुलाया था। मोबाइल फोन पर सिर्फ झगड़ा होने की बात कही थी। वह इस बात का भी दावा कर रही है। उसका आरोप है कि मेरे पति को फंसाया गया है। जिस लाइसेंसी असलहे को चालक को देने की बात कही जा रही है। उस वक्त प्रेमचन्द के परिवार की एक महिला ने ही दो रिश्तेदारों गोलू और संदीप को असलहा मुहैया कराया था। घटनास्थल पर ही नवनाथ छीनकर दुबे परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी। नवनाथ, प्रेमचन्द का लंबे समय से शागिर्द था।
साजिश की तहत मेरे परिवार को फंसाया गया
फतेहपुर के लेहड़ा टोला में हुए सामूहिक नरसंहार में आरोपित बनाए गए खामपार थाना क्षेत्र के केहुनिया के रहने वाले मृतक जयप्रकाश दुबे की पत्नी मृदुला दुबे ने बताया कि मेरे परिवार को साजिश के तहत फंसाया गया है। मेरे परिवार का वहां के दुबे परिवार से कोई लेना देना नहीं है, जहां घटना हुई है वहां मेरी जमीन है, लेकिन दूसरा व्यक्ति उसकी बोआई कराता है।
उन्होंने कहा कि घटना के एक दिन पहले मेरे जेठ श्रीप्रकाश दुबे की अचानक तबीयत खराब हो गई। स्वजन उन्हें लेकर पीजीआइ लखनऊ पहुंचे। जहां एंजियोग्राफी कराया गया। उनका कैंसर का आपरेशन भी हुआ है। पूरा परिवार इसी में परेशान है। घर पर कोई भी नहीं है।