फतेहाबाद । गेहूं व सरसों की बिजाई के लिए इस्तेमाल होने वाली डीएपी की कमी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन एक तरफ जहां डीएपी की कमी न होने के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी ओर किसान आज भी खाद के लिए लाइनों में लगने और दुकानदारों की लूट का शिकार होने को मजबूर है। यह बात पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य प्रधान मनदीप नथवान ने शुक्रवार को फतेहाबाद के डीसी कार्यालय के बाहर किसानों को संबोधित करते हुए कही। जिले में डीएपी खाद की कमी और पराली की समस्या के समाधान को लेकर किसानों द्वारा डीसी कार्यालय पर रोष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन की अध्यक्षता राज्य प्रधान मनदीप नथवान ने की।
पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति द्वारा एसडीएम को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपकर जिले में डीएपी की ब्लैक पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।किसानों को संबोधित करते हुए मनदीप नथवान ने कहा कि फतेहाबाद जिले में किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे है। खाद न मिलने से वजह से फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि गत दिवस प्रशासन ने जिले में डीएपी की कोई कमी न होने के दावे किए गए है लेकिन हकीकत बिलकुल इसके उलट है। उन्होंने कहा कि कुछ दुकानदार किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे है। उन्होंने पहले ही अपने गोदामों में डीएपी खाद का स्टॉक कर लिया है। अब किसानों को डीएपी देने के नाम पर उन्हें उसके साथ कीटनाशक व अन्य सामान लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। डीएपी की ब्लैक कर ऐसे दुकानदार जमकर किसानों की लूट कर रहे है और अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कुंभकर्णी नींद सोए हुए है।
ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि डीएपी खाद की किल्लत को दूर किया जाए और जो दुकानदार डीएपी और यूरिया के साथ अन्य सामान दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करते हुए ब्लैक को तुरंत बंद करवाया जाए। सभी दुकानदारों के स्टॉक व गोदामों की जांच करके उन्हें सार्वजनिक किया जाए। फसल पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर हुए घोटाले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो। शैलरों द्वारा किए जा रहे घोटाले व अन्य राज्यों से आने वाले धान पर रोक लगाई जाए। पराली की गांठें बनाने के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाए अन्यथा किसान पराली जलाने को मजबूर होंगे और इसका जिम्मेवार प्रशासन होगा। इस अवसर पर जिला प्रधान ओमप्रकाश हसंगा, करमजीत सालमखेड़ा, कमल बराड़, गुरलाल नथवान, प्रेम खोखर, सूखा पंडाल, मलकीत उपल, सुरजीत उपल, कल्याण सिंह, लवी बाठ सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।