छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है. इसकी तैयारियों में सभी राजनीतिक पार्टी लग गई है. कांग्रेस पार्टी ने चुनावी साल में संगठन में बदलाव करते हुए सांसद दीपक बैजको संगठन का नेतृत्व दे दिया है. वहीं दूसरी तरफ एक साल पहले बीजेपी ने भी संगठन की लगभग पूरी सर्जरी करते हुए सांसद अरुण सावको कमान सौंपी है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस का चुनावी चेहरा कौन होगा ये सबसे बड़ा सवाल है? चलिए आज यही समझने की कोशिश करते है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी?
दरअसल देश के दो राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के दो प्रमुख चेहरे है. बीजेपी से पीएम मोदी का और कांग्रेस से राहुल गांधी का चेहरा हैं. अक्सर देखा जाता है कि बड़े राज्यों को छोड़कर यानी यूपी जैसे राज्यों को छोड़कर बीजेपी मोदी के चेहरे में ही अधिकांश राज्यों में चुनाव लड़ती है. वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो राजनीतिक जानकर मान रहे है कि छत्तीसगढ़ में पहले बीजेपी डॉ. रमन सिंह के चेहरे पर चुनाव लड़ती थी. लेकिन इस बार पीएम मोदी के चेहरे पर चुनावी मैदान में उतर रही है. पर कांग्रेस में रणनीति अलग है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राहुल गांधी नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी. इसकी घोषणा खुद नए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने संगठन की कमान संभालते हुए ही कर दिया है
पहले ही दिन से दीपक बैज बीजेपी पर जमकर बरसे
नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान संभालते ही दीपक बैज ने बीजेपी को चैंलेंज कर दिया. दीपक बैज ने कहा कि भाजपा में अगर हिम्मत है तो प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़कर दिखाए. केंद्र सरकार साढ़े चार साल से छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी से लड़ेंगे. हम 2023 विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरा पर लड़ेंगे. 18 घंटे काम करके सरकार बनाएंगे. ईमानदारी के साथ, संगठन का काम करेंगे और सरकार बनाकर देंगे. 3 महीना दिन-रात काम करेंगे और जीता कर लाएंगे.सत्ता और संगठन दोनों अलग-अलग है। सत्ता और संगठन में तालमेल होना जरूरी है,उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य और मिशन 2023 और मिशन 75 प्लस हासिल करना है
बीजेपी के चुनावी चेहरे पर ओम माथुर का बयान
गौरतलब है कि बीजेपी के चेहरे को लेकर हालही में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने बिलासपुर में बयान दिया था कि सीएम फेस का निर्णय ना मैं कर सकता हूं ना यहां की टीम कर सकती है. बीजेपी संगठन की पार्टी है, सिस्टम की पार्टी है. यह किसी व्यक्ति, परिवार या समाज की पार्टी नहीं है. यहां सिस्टम बना हुआ है. सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड यह निर्णय करता है कि चुनाव किस तरह से लड़ा जाए और कौन चेहरा होगा. कई जगह चेहरा घोषित करके लड़े है तो कई जगह बिना चेहरा घोषित किए भी लड़े है.